वृषभ राशि में सूर्य का गोचर - 14 मई, 2020
सूर्य का गोचर ज्योतिष के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा गया है और यह आरोग्य के देवता है, जो समस्त संसार को अपने प्रकाश से जीवन ऊर्जा प्रदान करते हैं। सूर्य लगभग 1 महीने में एक राशि का भोग करते हुए दूसरी राशि में प्रवेश करता है और इस प्रकार सूर्य का गोचर एक महीने में होता है, जिसे संक्रांति कहा जाता है। सूर्य देव 14 मई, 2020 बृहस्पतिवार को सायं काल 17:05 बजे अपनी उच्च राशि मेष से निकलकर शुक्र के स्वामित्व वाली वृषभ राशि में गोचर करेंगे और 15 जून, 2020 तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। इस घटना को वृषभ संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है।
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ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। यह सिंह राशि का स्वामी है। जन्म कुंडली में सूर्य के अनुकूल होने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति राजा के समान यश, मान, सम्मान और प्रसिद्धि प्राप्त करता है। सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर होगा। आईये इस राशिफल के माध्यम से डालते हैं उन प्रभावों पर एक नज़र…
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
मेष
सूर्य आपकी राशि के स्वामी मंगल के परम मित्र हैं और आपके लिए पंचम भाव अर्थात त्रिकोण भाव के स्वामी होकर शुभ कारक हैं। सूर्य का गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में होगा। यहां उपस्थित सूर्य आपको तेजस्वी बनाएगा लेकिन पारिवारिक मामलों में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप व्यावहारिक होने की बजाय नियमानुसार चलने का प्रयास करेंगे, जिससे परिवार के अन्य लोगों को असुविधा हो सकती है। यदि आपको किसी की बात बुरी लगेगी तो आप सीधा उनके मुंह पर कह देंगे, यह भी उन्हें बुरा लगेगा। इससे आपके रिश्तों पर खराब असर पड़ सकता है। इस गोचर काल में स्वास्थ्य में कुछ बदलाव आएँगे और आपको बुखार, सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा के मामले में गोचर अनुकूल साबित होगा और आपको बेहतरीन परिणाम मिलेंगे। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो प्रेम जीवन में भी सफलता का दौर चलेगा और आप अपने प्रियतम को अपने परिवार वालों से मिलवा सकते हैं, जिससे उनके बीच समझदारी विकसित होगी। यदि आप पहले से ही शादीशुदा हैं तो आपकी संतान की प्रगति के लिए भी यह समय उत्तम रहेगा और सूर्य का गोचर पूरी मदद करेगा कि आपकी संतान उत्तरोत्तर वृद्धि करे।
उपायः रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा अगले दिन प्रातः काल उस जल को पियें।
वृषभ
आपकी राशि से प्रथम भाव में सूर्य का गोचर होगा, जोकि आपके चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह है। सूर्य का गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा और आपकी सोचने समझने की शक्ति मजबूत होगी। आप मुश्किल से मुश्किल समस्या का हल निकालेंगे और उस पर विजय प्राप्त करेंगे लेकिन आपके अंदर अभिमान भी जाग सकता है, जिसका असर आपके रिश्तों को खराब कर सकता है। सूर्य का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जा सकता और ऐसे में आप और आपके जीवनसाथी के मध्य मतभेद बढ़ सकते हैं और अहम का टकराव हो सकता है। इससे रिश्ते में सुखों की कमी देखने को मिल सकती है। आपके चेहरे पर लालिमा की वृद्धि होगी और आप आवश्यकता पड़ने पर कुछ कठोर निर्णय भी ले सकते हैं, जो संभवतः आपके आसपास के लोगों को शुरू में अच्छे ना लगें। इस समय में आपको धन संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है और अचल संपत्ति अर्जित करने के योग भी बलवान बन रहे हैं। इस समय काल में आपकी माता जी आपको कोई उपहार या संपत्ति भेंट कर सकती हैं तथा आप अपनी शानो शौकत को बढ़ाने का कोई साधन अर्जित कर सकते हैं।
उपायः आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
मिथुन
सूर्य देव आपकी राशि से तीसरे भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। इस गोचर के प्रभाव से आपको अपने खर्चों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि वे खर्चे अव्यवस्थित नहीं होंगे बल्कि किसी विशेष प्रयोजन से ही होंगे। सूर्य का यह गोचर आपकी अध्यात्मिकता को बढ़ाने वाला साबित होगा और आप अध्यात्म के पथ पर अग्रसर होंगे। परिवार का कोई व्यक्ति विदेश यात्रा पर जाने का प्रयास करेगा, जिससे आपको उनकी कमी महसूस होगी। द्वादश भाव में स्थित होकर सूर्य आपके स्वास्थ्य को पीड़ित करेगा। आपको आंखों में दर्द, निद्रा में कमी, बुखार, सिर दर्द या बदन दर्द जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस अवधि में आपके कुछ शत्रु प्रबल हो सकते हैं और आपको परेशान करने का प्रयास कर सकते हैं। ग्रहों की स्थिति कुछ ऐसी है कि सूर्य के गोचर के दौरान आप किसी अमर्यादित कार्य को कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपकी छवि भी समाज में खराब भी हो सकती है, इसलिए विशेष रूप से इस ओर ध्यान दें। आप जहां नौकरी करते हैं, वहां आपके सहकर्मियों के व्यवहार के प्रति आपको सतर्क रहना चाहिए क्योंकि वे आपके खिलाफ कोई चाल चल सकते हैं। मानसिक तौर पर आप कमज़ोरी का अनुभव करेंगे, जिससे बनते हुए कामों में विलंब हो सकता है।
उपायः आपको प्रतिदिन श्रद्धा पूर्वक भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए।
कर्क
आपकी राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी है और सूर्य का गोचर आपके लाभ के भाव अर्थात एकादश भाव में होगा। एकादश भाव में सूर्य का गोचर हर प्रकार से आपके लिए लाभदायक रहेगा और आपकी प्रगति दिन-प्रतिदिन बढ़ेगी। सूर्य के प्रभाव से आपके प्रेम जीवन में कुछ कठिनाइयाँ जन्म लेंगी और विचारों में विरोधाभास की स्थिति पैदा होने से प्रेम जीवन में कुछ नीरसता आ सकती है। इसके लिए आपको आपसी संवाद का सहारा लेना होगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो शिक्षा के मामले में यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है, इसलिए आपको पूर्ण निष्ठा और एकाग्रता के साथ पढ़ाई पर ध्यान देना होगा, नहीं तो परिणाम भिन्न हो सकते हैं। आप यदि शादीशुदा हैं तो सूर्य का गोचर आपकी संतान के लिए अच्छा रहने वाला है और उनकी योजनाएं सफलता प्राप्त करेंगी। इससे उन्हें कामयाबी मिलेगी। इस गोचर काल में आप की महत्वाकांक्षाओं को भी पंख लगेंगे और इस समय में लंबे समय से अटकी हुई कोई इच्छा पूरी हो सकती है, जिससे आप काफी प्रसन्न रहेंगे। आपका स्वास्थ्य भी मजबूत बनेगा तथा अपने धन को सही जगह निवेश करके अपनी आमदनी को बढ़ाने का प्रयास आप करेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी लाभ के योग बनेंगे और यदि आप जॉब करते हैं तो आप के वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग आपको मिलेगा। व्यापार के दृष्टिकोण से भी यह गोचर काफी अनुकूल परिणाम देने वाला साबित होगा।
उपायः भगवान सूर्य देव के मंत्र “ॐ घृणि सूर्याय नमः’’ का जाप करना हितकर होगा।
सिंह
सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में प्रवेश करेगा। दशम भाव में सूर्य को विशेष बल प्राप्त होता है, जिसे दिग्बल कहा जाता है। दशम भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल होता है। सूर्य आपकी राशि का स्वामी है और दशम भाव सबसे मजबूत केंद्र भाव होता है। ऐसी स्थिति में सूर्य का गोचर आपके लिए कार्यक्षेत्र में जबरदस्त तरक्की के योग बनाएगा और आपको आपके कार्यक्षेत्र में या जहां आप नौकरी करते हैं, वहां पदोन्नति मिलने की पूरी संभावना रहेगी। आपके संबंध आप के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बढ़िया बनेंगे और वे हर काम में आपकी मदद करेंगे। यदि आप सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं तो यह गोचर आपके लिए और भी बढ़िया रहने वाला है। सरकार की ओर से कोई मान सम्मान या किसी प्रकार की सुविधा मिल सकती है। यह गोचर आपके शत्रुओं पर भी भारी पड़ेगा और आप इस समय में अपनी यश और प्रसिद्धि में इजाफा होते हुए देखेंगे। इस गोचर के प्रभाव से घर में भी सुख शांति आएगी और आपका पारिवारिक तथा निजी स्तर बढ़िया होगा तथा समाज में सम्मान मिलेगा। सूर्य का गोचर आपके स्वास्थ्य में मजबूती लाएगा और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करेगा। आप कर्मठ बनेंगे और हर कार्य में सफलता प्राप्त करेंगे।
उपायः अपने हाथ में मौली अर्थात कलावा छह बार लपेट कर बाँधे।
कन्या
सूर्य का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा। यह आपके द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपके विदेश जाने का सपना पूरा हो सकता है और विदेशी भूमि पर जाकर खूब मान सम्मान हासिल होगा। इस समय अवधि में आपके पिताजी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और वे बीमार पड़ सकते हैं। आपके मान सम्मान में निस्संदेह वृद्धि होगी और समाज के कामों में आपका नाम होगा। आपपरोपकार के कार्य में संलिप्त रहेंगे। आपको तीर्थाटन करने का मौका मिलेगा और किसी अच्छे तीर्थ स्थान पर जाकर मानसिक शांति का अनुभव करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से आपकी कार्यकुशलता मजबूत होगी तथा आप स्वयं के बल पर अपनी स्थिति को बेहतर बनाएँगे। आपके प्रयासों में तेजी आएगी और कामों को बखूबी कैसे निभाया जाता है, यह आपको समझ में आएगा। आपके भाई बहनों को इस समय काल में किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको यात्राओं पर जाने का मौका मिलेगा और धर्म-कर्म के सिलसिले में आपके खर्चे भी होंगे। इन खर्चों पर नियंत्रण रखने से ही आप बचत कर पाएंगे अन्यथा आमदनी में पहले के मुकाबले थोड़ी कमी आ सकती है। आपका स्वास्थ्य सुधरेगा और बीमारियों से निजात मिलेगी।
उपायः प्रतिदिन 108 की संख्या में गायत्री मंत्र का जाप करें।
तुला
तुला राशि के लोगों के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी हैं और आपके लिए सूर्य का गोचर अष्टम भाव में होगा। इस भाव में गोचर के प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में समस्याएं आ सकती हैं और आप बीमार पड़ सकते हैं। आपको अचानक से त्वचा संबंधित परेशानियां, पित्त रोग में वृद्धि, बुखार तथा यौन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसीलिए आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हालाँकि ऐसा तभी होगा, जब आपकी कुंडली में अशुभ ग्रहों की दशा चल रही हो। इस समय में मर्यादा के विरुद्ध जाकर कोई भी कार्य करना हितकर नहीं होगा क्योंकि आपकी मानहानि हो सकती है। इस गोचर के प्रभाव से आपकी आमदनी में गिरावट आ सकती है और किसी प्रकार की धन हानि होने की भी संभावना रहेगी। आपको धन प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा, तब जाकर आंशिक रूप से धन लाभ होगा। यह समय आपके पिता और पिता समान लोगों के लिए अनुकूल नहीं रहेगा और उन्हें स्वास्थ्य कष्ट तथा करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप सरकारी नौकरी करते हैं और आप के खिलाफ कोई आरोप है तो इस समय आपको थोड़ा सतर्क रहना चाहिए क्योंकि आप के खिलाफ कोई विभागीय जांच बैठ सकती है। आपके सामाजिक स्तर में गिरावट आ सकती है और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होने में विलंब होगा।
उपायः आपको रविवार के दिन गेहूँ, तांबा एवं गुड़ का दान करना चाहिए।
वृश्चिक
आपकी राशि से सप्तम भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपकी राशि के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी है और आपके साझेदारी और विवाह के भाव में विराजमान होगा। इस भाव में सूर्य का गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा और आपको व्यापार में उत्तम लाभ की प्राप्ति होगी। केवल इतना ही नहीं, यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको अच्छी पदोन्नति तथा तनख्वाह में वृद्धि होने के भी योग बनेंगे। आप पूरी लगन और मेहनत से अपने काम करेंगे, जिससे कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति बढ़िया बनेगी तथा आपको मान सम्मान मिलेगा। समाज में आपकी स्थिति बढ़िया हो जाएगी और लोगों में आप लोकप्रिय होंगे लेकिन दांपत्य जीवन के लिहाज से यह गोचर अनुकूल नहीं कहा जा सकता क्योंकि इससे आपके जीवन साथी और आपके मध्य अहम का टकराव होगा तथा रिश्ते में झगड़े की नौबत आ सकती है। आपका जीवन साथी किसी बात को लेकर अड़ियल रवैया अपना सकता है, जिससे आपके दांपत्य जीवन के सुखों में कमी आएगी। आपके व्यापार में भी थोड़ा परिवर्तन आएगा और आप स्थितियों को समझ कर चलने का प्रयास करेंगे। यह समय व्यापार के लिए उतना आसान नहीं होगा। आपके साझीदार से, जिनके साथ आ व्यापार करते हैं, संबंध ठीक-ठाक रहेंगे लेकिन उनसे इस समय काल में व्यवसायिक संबंध रखना ही बेहतर होगा। निजी संबंध रखने पर परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
उपायः लाल चन्दन को घिस कर स्नान के जल में मिलाएँ और उसी जल से स्नान करें।
धनु
आपकी राशि के लिए सूर्य भाग्य स्थान के स्वामी अर्थात नवम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर आपकी राशि से षष्टम भाव में होगा। छठे भाव में सूर्य का गोचर आमतौर पर शुभ माना जाता है और यहां उपस्थित सूर्य आपकी कुंडली में शत्रुओं से आपकी रक्षा करता है। सूर्य के गोचर से आपको वाद विवाद में सफलता मिलने के योग बनेंगे और कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं तो भी यह गोचर आपके लिए सफलता का मार्ग खोलेगा। आपके खर्चे जरूर बढ़ेंगे लेकिन वे किसी गलत काम पर नहीं होंगे बल्कि सही समय पर और सही कार्य के लिए व्यवस्थित रूप से खर्च होगा, जिसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर ज्यादा नहीं पड़ेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपको अधिक परिश्रम करना पड़ेगा और उसके उपरांत भाग्य अपना असर दिखाएगा। आपकी नौकरी के लिए यह गोचर काल अनुकूल साबित होगा और आप जितनी मेहनत करेंगे, उसी के अनुपात में आपको अच्छा लाभ भी मिलेगा। सरकारी क्षेत्र या सरकारी तंत्र से आपको लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। आपका पैसा कहीं रुका हुआ है तो वह इस समय काल में वापस आ सकता है। यदि आप पर कोई कर्ज बाकी है तो वह भी चुकने की पूरी संभावना है। वहीं इसके विपरीत कुछ लोग कर्ज उतारने के लिए कर्ज लेंगे, जिससे कुछ क़र्ज़ चुका कर बाकी पैसा किसी सुख-सुविधा के साधन को खरीदने में लगा सकते हैं। आपकी संतान को भी इस समय में तरक्की मिलेगी।
उपायः लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाएँ।
मकर
सूर्य का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। सूर्य आपके लिए अष्टम भाव का स्वामी है। पंचम भाव विशेष रूप से बुद्धि, ज्ञान, संतान और प्रेम संबंधों का भाव माना गया है। सूर्य के इस भाव में गोचर करने से आपकी संतान को कुछ शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और वे जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उसमें उन्हें अधिक एकाग्रता के साथ काम करना होगा। शिक्षा में व्यवधान आने के योग बनेंगे क्योंकि आपकी एकाग्रता इस समय में भंग हो सकती है तथा शारीरिक रूप से भी आप अपने अंदर गर्मी और पित्त की असंतुलित स्थिति को महसूस कर सकते हैं, जिससे आपके कामों में भी कुछ विलंब हो सकता है। महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटक सकती हैं, जिसकी वजह से आपको और अधिक ध्यान देकर काम करने होंगे। इस गोचर काल में आप अपनी नौकरी से निराश होकर नौकरी बदलने का विचार भी बना सकते हैं। दूसरी ओर, यह गोचर काल आपको अचानक से धन प्रदान करने में भी सक्षम है। आपको शेयर बाजार, लॉटरी अथवा सट्टेबाजी आदि से धन लाभ होने के योग बन सकते हैं लेकिन धन का निवेश बहुत ही सोच समझकर किसी अच्छे विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही करना उचित होगा। आपके अंदर लोगों की मदद करने की प्रवृत्ति जागेगी, जिससे आप कुछ अच्छे काम भी करेंगे।
उपायः अपने पिता का सम्मान करें और प्रातः काल जल्दी उठने की आदत डालें।
कुंभ राशि
आपकी राशि से चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर अपना आकार लेगा। सूर्य आपके लिए सातवें भाव का स्वामी है। चतुर्थ भाव को सुख का भाव कहा जाता है। इस गोचर के प्रभाव से आप की सुख-सुविधाओं में तो वृद्धि होगी लेकिन मानसिक रूप से आप अधिक संतुष्ट नहीं रहेंगे। आप को और अधिक सुकून की आकांक्षा होगी। गोचर के प्रभाव से परिवार का वातावरण ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा और उसमें व्यर्थ की बहस बाजी हो सकती है, जिससे लोगों के बीच तालमेल का अभाव देखने को मिल सकता है। आपकी माताजी के स्वभाव में भी कुछ परिवर्तन आएँगे और वे थोड़ी उग्र हो सकती हैं। इस गोचर में सूर्य आपके कार्य स्थल को भी प्रभावित करेगा, जिसकी वजह से आप घर और नौकरी के बीच में तालमेल बिठाने का प्रयास करेंगे। एक ओर परिवार आपसे समय की मांग करेगा तो कार्य क्षेत्र में भी आपका पूरा ध्यान आवश्यक होगा। यदि आप व्यापार करते हैं तो यह आपके लिए अच्छे पलों को लेकर आएगा लेकिन आपको किसी विशेषज्ञ का सहयोग लेने की भी आवश्यकता पड़ेगी। यदि आप शादीशुदा हैं तो दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा और जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में सफलता मिलने की प्रबल सम्भावना बनेगी। इस गोचर की अवधि में आपको अपने नियोक्ता द्वारा भवन अथवा वाहन की प्राप्ति हो सकती है।
उपायः रविवार के दिन लाल चन्दन मिले हुए जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें।
मीन
सूर्य आपकी राशि के लिए छठे भाव का स्वामी है और अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके तृतीय भाव में प्रवेश करेगा। आमतौर पर सूर्य का गोचर तीसरे भाव में अनुकूल और शुभ परिणाम देने में सक्षम होता है। सूर्य के इस गोचर का आपको समुचित लाभ मिलेगा और आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आप हर काम को पूरी एकाग्रता और निष्ठा के साथ संपन्न करेंगे तथा आपकी जीवन ऊर्जा में भी वृद्धि होगी। आप तरोताजा महसूस करेंगे तथा हर चुनौती का डटकर सामना करने के लिए खड़े रहेंगे। इस दौरान कुछ यात्राएं भी आपको करनी होंगी,जो आपको कुछ नया मार्गदर्शन देंगी। गोचर की अवधि में आपको अपने कुछ पुराने मित्रों से मिलना भी संभव होगा, जिनसे मिलकर आप काफी खुश होंगे। यह गोचर आपके शत्रुओं पर भारी पड़ेगा और आप उन्हें किसी भी हाल में आगे बढ़ने नहीं देंगे, जिससे आप मानसिक तौर पर भी मजबूत दिखेंगे। इस गोचर काल में आपको अपने प्रयासों का शुभ फल प्राप्त होगा और करियर में भी उत्थान के योग बनेंगे। आप किसी धार्मिक स्थल की यात्रा भी करेंगे और अपने दोस्तों की मदद से अपने व्यापार में सफलता अर्जित करेंगे। यह समय आपके जीवनसाथी के लिए भी अच्छा रहने वाला है।
उपायः प्रातः काल सूर्योदय के पूर्व उठें और लाल रंग के पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सिंचित करें।
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