सूर्य का सिंह राशि में गोचर (अगस्त 17 - सितम्बर 17, 2015)
अगस्त 17, 2015 को सूर्य का सिंह राशि में गोचर होगा। सूर्य का स्वराशि में गोचर सभी राशियों के लिए बहुत प्रभावी होगा। जानें कि क्या सूर्य आपकी राशि के लिए भी अद्भुत समय लाएगा? “ आचार्य रमन ” खोलेंगे भविष्य के सारे राज़ इस लेख के साथ।
17 अगस्त को सूर्य अपनी राशि सिंह में प्रवेश करेगा। अपनी राशि में जाने पर सूर्य का बल अत्यधिक हो जायेगा। सिंह एक स्थिर राशि है और सूर्य ग्रहों में राजा माना गया है। इससे लोगों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बल मिलेगा, बहुत से लोगों में अहम की वृद्धि होगी। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और आत्मविशवास बढ़ेगा। लोगों में उदारता बढ़ेगी और दान पुण्य की वृत्ति भी देखी जा सकती है। यद्यपि एक ग्रह ही सब कुछ निर्धारित कर दे ऐसा नहीं होता किन्तु प्रत्येक ग्रह के अपने प्रभाव निश्चित ही होते हैं। जिनकी अभी सूर्य की प्रत्यंतर दशा चल रही है उनके लिए इसके प्रभाव सर्वाधिक होंगे।
यदि आपकी सूर्य की प्रत्यंतर दशा चल रही हो तो आपको इसके प्रभावों की अनुभूति अधिक हो सकती है ।
आइये देखते हैं आपकी राशि के ऊपर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं :
मेष
यह तो आपके लिए आनंद लेने का समय है, दूर की यात्रा करने का समय है, शैय्या सुख प्राप्त करने का समय है। संतान को कष्ट हो सकता है। सट्टे में पैसा हार सकते हैं, कुछ को जीत भी मिलेगी, पर अधिकतर हारेंगे। कार्यों में अनावश्यक विलम्ब होगा और मन में शांति का अभाव रहेगा। लेकिन कोई इतनी बड़ी समस्या नहीं है, आगे जाकर फ़ायदा ही होना है और अगर लोभ में नहीं पड़ेंगे तो कोई दिक्कत ही नहीं है। फिर तो सब अच्छा ही अच्छा है। जल्दबाज़ी नहीं करनी है बस इतना ध्यान रखना है। किसी से धोखा मिल सकता है।
वृषभ
सूर्य आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। घर परिवार के लोगों के और नज़दीक आना है आपको, आने वाले भविष्य के बारे में योजना बनाने के लिए अच्छा समय है। आपके लिए अचानक लाभ के काफी अच्छे संयोग दीखते हैं। कोई दोस्त आपके लिए कोई बड़ा काम करके दे सकता है। आपको सभी की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखना है। पुरानी यादें आपको सुस्त कर सकती हैं। बेहतर है बीते हुए कल को कल ही में रहने दें और अपना वर्तमान का नाश न करें। घर में विवादों को सुलझाने का काम कीजिये और भड़काने का नहीं।
मिथुन
आप नए गैजेट ले सकते हैं, लोगों से आपका तर्क वितर्क होगा जिसमे विजय आपकी ही होगी। किसी इंटरव्यू में जाएंगे तो अधिकतर लोगों को सफलता मिलने के भरपूर योग हैं। दफ्तर में धंधे में बढ़ोत्तरी होगी। अापमें जो अक्खड़ता है उसमें थोड़ी कमी कीजिये, घमंड को त्यागना हमेशा अच्छा होता है। लोगों से मिलिए, हंसिए बोलिए, आपकी भी कहिये उनकी भी सुनिए। कार्यस्थल पर किसी से झगड़ा कर बैठेंगे इससे अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। थोड़ा संभल के काम कीजिये। अधिकारियों की बात सुनिए, ज़िद पे मत तुल जाइए।
कर्क
धर्म कर्म पर व्यय होने की सम्भावना है, वैसे तो यात्रा पर भी जा सकते हैं परिवार के साथ। अच्छा ही है, घुमते-फिरते रहना भी चाहिए। मगर घर के लोगों को धौंस मत दिखाइए, सबके साथ प्यार से बात कीजिये। छोटे हों या बड़े, हैं तो सब कुटुंब के ही लोग। घर के बड़े लोगों को पूरा सम्मान दें और उनकी हर इच्छा को पूरा करने की कोशिश करें। चीज़ें खरीदने का आपका मन नहीं करेगा तो फरमाइश ही आ जायेगी किसी की, तो घर में कुछ नया लाने का बहुत बढ़िया समय भी है। सोना भी खरीद ही लीजिये, बुरे समय में काम ही आएगा। किसी दूर के परिचित से विवाद हो सकता है, रिश्ते में दरार आ सकती है।
सिंह
इस समय आपको सिर्फ स्वयं पर नियंत्रण बनाना है। आपमें स्वयं के प्रति प्रेम अधिक हो जाएगा, अहम की मात्रा अधिक हो जायेगी, दूसरों को स्वयं से तुच्छ समझ सकते हैं और क्रोध भी जल्दी आ सकता है। सामान्य ज्वर, सिरदर्द हो सकता है, आँखों में दर्द आदि रह सकता है। आपके जीवन-साथी को आपके व्यवहार से दिक्कत हो सकती है। कोई पुरानी बात के सामने आने से शर्मसार हो सकते हैं। कोशिश कीजिये की ऐसा ना करें कि दुसरे आपसे चिढ़ने लगें।
कन्या
अपनी गतिविधियों को छुपा के मत रखिये, दूसरों से परदे, सांठगांठ में मत फंसिए, अपना काम बेझिझक सबके सामने रखिये और फल ईश्वर पर छोड़ दीजिये। जीवन-साथी से मतभेद होंगे, तर्क वितर्क हो सकता है - थोड़ा बहुत चलता है मगर अधिक होने की स्थिति में आपको ही झुक कर सब ठीक करना चाहिए। भविष्य को लेकर अधिक चिंतित मत होइए, ध्यान रखिये आपका अधिकार सिर्फ कर्म पर है फल पर नहीं। आँखों का ध्यान रखें और अच्छी नींद लें। मस्तिष्क के लिए अच्छा होता है। कुछ छुपी हुई बातें सामने आ सकती हैं और आपको निराश कर सकती हैं।
तुला
कोई भी सम्बन्ध हो वहाँ अकड़ नहीं चलती। दोस्तों में तो बिलकुल भी नहीं, उनके बीच तो नम्र ही रहना चाहिए। विपरीत लिंग के मित्रों से आपका विवाद संभव है, थोड़ी तबियत पर भी फर्क पड़ेगा। एसिडिटी हो सकती है। साथ के लोगों से मिलजुल कर आगे बढ़िए, सब काम ही तो कर रहे हैं, पैसे के चश्मे से किसी को मत देखिये। गलती कर बैठेंगे। समय पर तिनका भी काम आ जाता है नहीं तो तलवार भी रखी की रखी रह जाती है। कोई आपकी टांग खेंचने की कोशिश भी करेगा तो सचेत रहिये। बात कम और काम ज़्यादा कीजिये, ध्यान रखिये कि किसी की बुराई न करें।
वृश्चिक
हम देखते हैं कि रोज़ सुबह से शाम तक और असल में हमेशा ही सूर्य की किरणें कर्मरत रहती हैं। अपनी स्वयं की राशि में तो और अधिक ऊर्जावान होकर यह काम करेंगी और आपको भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। आपको ऐसा लग सकता है कि आप दूसरों से बेहतर फल दे रहे हैं। अहम की वृद्धि होगी और आप हावी होने की कोशिश भी कर सकते हैं। स्वयं को हमेशा वास्तविकता में तोलते रहना चाहिए, इससे असलियत में रहने की सुविधा प्राप्त होती है। जीवन से मुक्ति का यहि सबसे अच्छा उपाय है। कुछेक लोगों से आपका विवाद संभव है, अपने अधिकारियों को बक्श दीजियेगा नहीं तो बाद में वे आपको नहीं बख्शेंगे।
धनु
यह धर्म का स्थान है, लेकिन इसके अलावा और भी बहुत सारी बातों के लिए इसको देखा जाता है। ऐसी शुभ स्थान में सूर्य का आगमन आपके आध्यात्मिक उत्थान के लिए अत्युत्तम रहेगा। पुण्य कमाने का, दान धर्म करने का कोई मौका मत छोड़िएगा। धन से बड़ा होता है दान पुण्य जो मरने के बाद भी साथ में रहता है। बड़ों को आदर सम्मान दीजिये। किसी प्रकार का पाठ्यक्रम पढ़ना शुरू करना चाहते हैं तो ज़रूर कीजिये। तीर्थाटन के लिए भी बहुत बढ़िया समय है। घर के लोगों से कुछ खटपट होगी मगर सब ठीक हो जायेगा चिंता मत कीजिये।
मकर
यथा स्थिति जीवन में कभी नहीं रहती, श्री कृष्ण ने कहा ही है कि हम एक चक्र में बंधे हुए हैं। आज खुश तो कल उदास चलता ही रहता है, मगर कुछ सावधानियाँ रख कर हम स्वयं को काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं। भाई बंधुओं से, पड़ोसियों से तकरार हो सकती है, परस्त्री में दिलचस्पी बढ़ सकती है। इसे रोकना ज़रूरी होगा। जो हम कर सकते हैं वह तो कम से कम करना ही चाहिए। मानहानि के योग भी हैं, थोड़ा सा बच के रहना ही अच्छा है। मीठा बोलिए और पीठ पीछे बुराई करने वालों से दूर रहिये। टोने-टोटके को दूर से ही राम राम कर दीजियेगा।
कुम्भ
ये भाव तो आपके जीवन साथी, व्यापारिक साझेदारों का होता है - यहाँ पर सूर्य न तो गोचर में ही और न जन्म समय में ही अच्छा माना जाता है। बहुतों की पत्रिका में देखा है कि सूर्य सप्तम में होने से शादी में बहुत विलम्ब हो गया या वैवाहिक सुख में न्यूनता ही बनी रही। आपको सिर्फ अपना धैर्य बनाये रखना है, थोड़ा अहंकार को गला देना है और अपनी महत्ता को ही सर्वोपरि नहीं मानना है। एक ही व्यक्ति से घर नहीं चलता बल्कि उसके लिए कम से कम दो लोगों की ज़रुरत तो होती है। आपस में बातचीत करके सभी मनमुटाव दूर किये जा सकते हैं और कोई दूसरा मार्ग भी नहीं है। अपनी कामुकता पर भी नियंत्रण रखना ज़रूरी होगा। धन को लेकर थोड़ा सावधान रहिएगा।
मीन
यह अच्छा भाव है, सूर्य के फल एक तरफ तो उतने अच्छे नहीं रहेंगे - स्वास्थ्य को लेकर दिक्कत हो सकती है। लेकिन दूसरी तरफ आपको काम काज में फायदा होगा। शत्रुओं पर आपकी धात जमेगी। दुनिया में ऐसा ही होता है - एक तरफ कुछ कमी होती है तो दूसरी तरफ कुछ अधिक मिल जाता है। अपने लालच पर नियंत्रण ही सबसे अच्छा है - प्रसिद्धि का लालच, अहंकार की पूर्ती का लालच, धन का लालच - इन सब को त्याग दीजिये - ये कभी काम नहीं आते। मोक्ष ही एकमात्र मुक्ति का मार्ग है और कुछ लोगों को इस तरफ भी जाने का मन कर सकता है। चीज़ों से विरक्ति महसूस कर सकते हैं। कुछ लोग आपको धोखा भी दे सकते हैं। आपको दूसरों की जगह अचानक डेपुटेशन पर भी भेजा जा सकता है।
आचार्य रमन
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