साल 2018 में दो चंद्र ग्रहण घटित होंगे। इनमें पहला चंद्र 31 जनवरी 2018 को दिखाई
देगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई 2018 में होगा। ये दोनों पूर्ण चंद्र ग्रहण
होंगे और भारत सहित अन्य देशों में दिखाई देंगे। भारत में दृशयता होने की वजह से इनका
धार्मिक सूतक मान्य होगा।
दोनों चंद्र ग्रहण का विवरण इस प्रकार है-
2018 में पहला चंद्र ग्रहण
दिनाँक
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समय
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ग्रहण का प्रकार
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दृश्यता
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31 जनवरी 2018
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17:57:56 से 20:41:10 बजे तक
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पूर्ण
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भारत, उत्तर पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तर पश्चमी अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका,
उत्तर पश्चमी साउध अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, हिन्द महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका
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पढ़ें: 31 जनवरी को होने वाले चंद्र ग्रहण का समस्त 12 राशियों पर पड़ने वाला
प्रभाव। किस राशि के जातकों को होगा विशेष लाभ?
चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ (चन्द्रोदय के साथ)
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17:57:56
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चन्द्र ग्रहण समाप्त
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20:41:10
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ग्रहण की अवधि
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02 घण्टे 43 मिनट्स 14 सेकेण्ड्स
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खग्रास प्रारम्भ
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18:21:47
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परमग्रास चन्द्र ग्रहण
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18:41:40
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खग्रास समाप्त
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19:36:41
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सूतक
सूतक प्रारंभ
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07:07:10 बजे से
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सूतक समाप्त
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20:41:10 बजे तक
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2018 में दूसरा चंद्र ग्रहण
दिनाँक
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समय
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ग्रहण का प्रकार
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दृश्यता
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27-28 जुलाई 2018
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23:56:26 से 03:48:59 बजे तक
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पूर्ण
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भारत, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी हिस्से, साउथ
अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, हिन्द महासागर, अंटार्कटिका
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पढ़ें: 27-28 जुलाई को होने वाले चंद्र ग्रहण का समस्त 12 राशियों पर पड़ने
वाला प्रभाव। किस राशि के जातकों को होगा विशेष लाभ?
चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ
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23:56:26
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चन्द्र ग्रहण समाप्त
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03:48:59
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ग्रहण की अवधि
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03 घण्टे 54 मिनट्स 33 सेकण्ड्स
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खग्रास प्रारम्भ
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01:00:14
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परमग्रास चन्द्र ग्रहण
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01:51:43
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खग्रास समाप्त
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02:43:11
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सूतक
सूतक प्रारंभ
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27 जुलाई 2018 को 12:27:26 बजे से
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सूतक समाप्त
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28 जुलाई 2018 को 03:48:59 तक
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ग्रहण में सूतक काल का महत्व
हिंदू धर्म में सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है।
दरअसल ग्रहण के दौरान सूतक या सूतक काल एक ऐसा समय होता है, जब कुछ कार्य करने की मनाही
होती है। क्योंकि सूतक के इस समय को अशुभ माना जाता है। सामान्यत: सूर्य व चंद्र ग्रहण
लगने से कुछ समय पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के
बाद सूतक काल समाप्त होता है। हालांकि वृद्ध, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य
नहीं होता है।
ग्रहण में गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं
को घर से बाहर निकलने और ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं
को सिलाई, कढ़ाई, काटने और छीलने जैसे कार्यों से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण
के समय चाकू और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच
सकती है।
चंद्र ग्रहण में करें मंत्र जप
“ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात् ”
हम आशा करते हैं कि 2018 में होने वाले चंद्र ग्रहण पर लिखा गया लेख आपको पसंद आया
होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ !