कर्णवेध मुहूर्त 2022 तिथियाँ: कर्णवेध संस्कार 2022 मुहूर्त
कर्णवेध मुहूर्त 2022 विशेष आर्टिकल में कर्णवेध संस्कार 2022 करने की तिथियों और समय की सूची प्रदान करने के साथ हम आपको इस अनुष्ठान को करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, शुभ समय और अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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कर्णवेध, या कान छिदवाने की रस्म, हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक मानी गयी है। कर्णवेध शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- पहला कर्ण और दूसरा वेधा, जिसका अर्थ क्रमशः "कान" और "छेदना" है। सौंदर्य कारणों के अलावा, यह समारोह धार्मिक कारणों से भी मनाया जाता है। यह अनुष्ठान भारत में व्यापक रूप से लोकप्रिय है और विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। तमिल भाषा में इसे कधानी विझा कहा जाता है और मलयालम में इसे कठू कुथु के नाम से जाना जाता है।
हिंदी में पढ़ने के यहाँ क्लिक करें: कर्णवेध मुहूर्त 2023
कान छिदवाना दुनिया में हर जगह पुरुषों और महिलाओं के बीच अलग-अलग कारणों से लोकप्रिय है, रुझान और फैशन उनमें से कुछ प्रमुख वजह हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के लिए, कान छिदवाना उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह बच्चों के लिए एक जरूरी अनुष्ठान है और इससे धार्मिक भावना भी जुड़ी है। हिंदू धर्म के अनुसार, एक व्यक्ति के जीवन के सोलह संस्कारों में से एक कर्णवेध संस्कार भी है। अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि 2022 में कर्णवेध संस्कार (2022 कर्णवेध मुहूर्त) करने के लिए कौन सी शुभ तिथियां और समय पड़ रहे हैं।
Read In English: Karnavedha Muhurat 2022
कर्णवेध मुहूर्त 2022 तिथियां
कर्णवेध मुहूर्त 2022: जनवरी | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 5 जनवरी 2022 | 07:46 से To 10:08 तक |
11:35 से To 16:31 तक | ||
रविवार | 9 जनवरी 2022 | 08:10 से To 12:44 तक |
सोमवार | 10 जनवरी 2022 | 08:06 से To 14:16 तक |
शनिवार | 15 जनवरी 2022 | 07:46 से To 09:28 तक |
12:21 से To 18:06 तक | ||
रविवार | 23 जनवरी 2022 | 11:49 से To 15:20 तक |
17:35 से To 19:55 तक | ||
सोमवार | 24 जनवरी 2022 | 07:44 से To 08:53 तक |
गुरुवार | 27 जनवरी 2022 | 10:09 से To 11:33 तक |
13:09 से To 17:19 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: फरवरी | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 2 फरवरी 2022 | 07:40 से To 09:45 तक |
11:10 से To 16:55 तक | ||
शनिवार | 5 फरवरी 2022 | 16:43 से To 18:10 तक |
रविवार | 6 फरवरी 2022 | 07:37 से To 10:54 तक |
12:29 से To 19:00 तक | ||
सोमवार | 7 फरवरी 2022 | 07:58 से To 12:25 तक |
14:21 सेTo 18:56 तक | ||
शुक्रवार | 11 फरवरी 2022 | 09:10 से To 14:05 तक |
16:20 से To 18:40 तक | ||
रविवार | 13 फरवरी 2022 | 10:27 से To 16:12 तक |
सोमवार | 14 फरवरी 2022 | 07:31 से To 10:23 तक |
11:58 से To 18:28 तक | ||
सोमवार | 21 फरवरी 2022 | 07:25 से 08:30 तक |
09:55 से 15:41 तक | ||
बुधवार गुरुवार | 23 फरवरी 2022 | 15:33 से 17:53 तक |
24 फरवरी 2022 | 07:22 से 09:43 तक | |
11:19 से 15:29 तक | ||
सोमवार | 28 फरवरी 2022 | 08:03 से 12:58 तक |
15:13 से 19:51 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: मार्च | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
शनिवार | 5 मार्च 2022 | 07:43 से 09:08 तक |
10:43 से 17:14 तक | ||
शनिवार | 19 मार्च 2022 | 06:58 से 11:44 तक |
13:58 से 18:36 तक | ||
रविवार | 20 मार्च 2022 | 06:56 से 11:40 तक |
16:15 से 18:32 तक | ||
बुधवार | 23 मार्च 2022 | 06:53 से 07:57 तक |
09:32 से 16:03 तक | ||
सोमवार | 28 मार्च 2022 | 07:38 से 11:08 तक |
13:23 से 18:08 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: अप्रैल | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
शुक्रवार | 1 अप्रैल 2022 | 13:07 से 15:28 तक |
17:45 से 20:01 तक | ||
शनिवार | 2 अप्रैल 2022 | 08:53 से 17:41 तक |
रविवार | 3 अप्रैल 2022 | 07:14 से 08:49 तक |
10:45 से 15:20 तक | ||
गुरुवार | 7 अप्रैल 2022 | 06:58 से 12:44 तक |
15:04 से 19:38 तक | ||
शनिवार | 9 अप्रैल 2022 | 14:56 से 19:30 तक |
शनिवार | 16 अप्रैल 2022 | 14:29 से 19:02 तक |
रविवार | 17 अप्रैल 2022 | 06:25 से 07:54 तक |
सोमवार | 25 अप्रैल 2022 | 07:23 से 11:33 तक |
13:53 से 16:10 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: मई | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 4 मई 2022 | 06:47 से 08:43 तक |
शुक्रवार | 6 मई 2022 | 13:10 से 19:35 तक |
शनिवार | 7 मई 2022 | 06:36 से 13:06 तक |
15:23 से 19:59 तक | ||
रविवार | 8 मई 2022 | 06:32 से 13:02 तक |
15:19 से 17:36 तक | ||
शुक्रवार | 13 मई 2022 | 06:44 से 08:07 तक |
10:22 से 17:16 तक | ||
शनिवार | 14 मई 2022 | 06:42 से 10:18 तक |
12:38 से 17:12 तक | ||
सोमवार | 16 मई 2022 | 14:48 से 19:24 तक |
शनिवार | 21 मई 2022 | 09:51 से 16:45 तक |
रविवार | 22 मई 2022 | 09:47 से 19:00 तक |
गुरुवार | 26 मई 2022 | 07:16 से 11:51 तक |
14:09 से 18:44 तक | ||
शुक्रवार | 27 मई 2022 | 07:12 से 14:05 तक |
16:21 से 18:40 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: जून | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 1 जून 2022 | 06:53 से 09:07 तक |
11:28 से 13:45 तक | ||
शनिवार | 4 जून 2022 | 06:41 से 11:16 तक |
13:33 से 18:09 तक | ||
गुरुवार | 9 जून 2022 | 10:56 से 15:30 तक |
17:49 से 20:08 तक | ||
शुक्रवार | 10 जून 2022 | 08:32 से 15:26 तक |
शनिवार | 18 जून 2022 | 08:01 से 14:54 तक |
17:14 से 19:12 तक | ||
गुरुवार | 23 जून 2022 | 07:41 से 10:01 तक |
शुक्रवार | 24 जून 2022 | 07:37 से 09:57 तक |
गुरुवार | 30 जून 2022 | 09:34 से 16:27 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: जुलाई | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
शुक्रवार | 1 जुलाई 2022 | 07:09 से 09:30 तक |
11:47 से 18:41 तक | ||
बुधवार | 6 जुलाई 2022 | 16:03 से 18:22 तक |
7 जुलाई 2022 | 09:06 से 13:40 तक | |
15:59 से 18:18 तक | ||
रविवार | 10 जुलाई 2022 | 15:48 से 18:06 तक |
सोमवार | 11 जुलाई 2022 | 06:30 से 08:50 तक |
शुक्रवार | 15 जुलाई 2022 | 06:55 से 13:08 तक |
15:28 से 19:50 तक | ||
बुधवार | 20 जुलाई 2022 | 06:07 से 10:28 तक |
10:32 से 19:31 तक | ||
गुरुवार | 21 जुलाई 2022 | 06:07 से 10:28 तक |
सोमवार | 25 जुलाई 2022 | 06:09 से 14:49 तक |
17:07 से 19:11 तक | ||
शुक्रवार | 29 जुलाई 2022 | 09:57 से 12:13 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: अगस्त | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 3 अगस्त 2022 | 07:20 से 11:54 तक |
14:13 से 18:15 तक | ||
गुरुवार | 4 अगस्त 2022 | 07:16 से 14:09 तक |
16:28 से 18:32 तक | ||
रविवार | 7 अगस्त 2022 | 09:22 से 16:16 तक |
शुक्रवार | 12 अगस्त 2022 | 07:35 से 11:18 तक |
13:38 से 19:43 तक | ||
बुधवार | 17 अगस्त 2022 | 06:25 से 08:42 तक |
10:59 से 17:41 तक | ||
रविवार | 21 अगस्त 2022 | 06:24 से 10:43 तक |
13:02 से 15:21 तक | ||
सोमवार | 22 अगस्त 2022 | 06:25 से 08:23 तक |
बुधवार | 24 अगस्त 2022 | 08:15 से 15:09 तक |
17:13 से 18:55 तक | ||
गुरुवार | 25 अगस्त 2022 | 08:11 से 12:47 तक |
बुधवार | 31 अगस्त 2022 | 16:46 से 18:28 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: सितम्बर | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
शनिवार | 3 सितंबर 2022 | 07:35 से 14:30 तक |
गुरुवार | 8 सितंबर 2022 | 07:16 से 09:32 तक |
11:52 से 17:56 तक | ||
सोमवार | 26 सितंबर 2022 | 06:42 से 08:21 तक |
10:41 से 16:46 तक | ||
शुक्रवार | 30 सितंबर 2022 | 06:44 से 12:44 तक |
14:48 से 19:22 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: अक्टूबर | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
बुधवार | 5 अक्टूबर 2022 | 06:47 से 07:46 तक |
10:05 से 16:10 तक | ||
17:38 से 19:03 तक | ||
गुरुवार | 6 अक्टूबर 2022 | 12:20 से 17:34 तक |
रविवार | 9 अक्टूबर 2022 | 17:22 से 18:47 तक |
सोमवार | 10 अक्टूबर 2022 | 07:26 से 12:04 तक |
14:08 से 18:43 तक | ||
शनिवार | 15 अक्टूबर 2022 | 09:26 से 16:58 तक |
सोमवार | 17 अक्टूबर 2022 | 06:59 से 09:18 तक |
11:37 से 16:51 तक | ||
रविवार | 23 अक्टूबर 2022 | 16:27 से 18:33 तक |
गुरुवार | 27 अक्टूबर 2022 | 13:02 से 17:36 तक |
शुक्रवार | 28 अक्टूबर 2022 | 07:01 से 10:54 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: नवम्बर | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
रविवार | 6 नवंबर 2022 | 07:08 से 10:18 तक |
12:22 से 16:57 तक | ||
शुक्रवार | 11 नवंबर 2022 | 07:40 से 09:59 तक |
रविवार | 13 नवंबर 2022 | 11:55 से 15:04 तक |
16:29 से 18:05 तक | ||
सोमवार | 14 नवंबर 2022 | 07:28 से 09:47 तक |
11:51 से 16:25 तक | ||
18:01 से 19:56 तक | ||
रविवार | 20 नवंबर 2022 | 07:19 से 13:09 तक |
14:37 से 19:33 तक | ||
सोमवार | 21 नवंबर 2022 | 07:19 से 14:33 तक |
15:58 से 19:29 तक | ||
गुरुवार | 24 नवंबर 2022 | 07:22 से 09:07 तक |
11:11 से 15:46 तक | ||
17:21 से 19:17 तक | ||
सोमवार | 28 नवंबर 2022 | 14:05 से 18:34 तक |
कर्णवेध मुहूर्त 2022: दिसम्बर | ||
दिन | दिनांक | मुहूर्त की समय अवधि |
शनिवार | 3 दिसंबर 2022 | 07:29 से 08:32 तक |
10:36 से 15:11 तक | ||
16:46 से 18:41 तक | ||
गुरुवार | 8 दिसंबर 2022 | 13:26 से 18:22 तक |
शुक्रवार | 9 दिसंबर 2022 | 08:08 से 13:22 तक |
14:47 से 16:22 तक | ||
रविवार | 18 दिसंबर 2022 | 07:39 से 11:19 तक |
12:47 से 17:43 तक | ||
सोमवार | 19 दिसंबर 2022 | 07:40 से 11:15 तक |
बुधवार | 21 दिसंबर 2022 | 09:25 से 14:00 तक |
15:35 से 19:45 तक | ||
शुक्रवार | 30 दिसंबर 2022 | 12:00 से 13:25 तक |
15:00 से 19:04 तक |
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Karnavedha Muhurat 2022: कर्णवेध संस्कार 2022 करने की सही उम्र
कान छिदवाने की रस्म पहले भारतीय परंपराओं के अनुसार एक लड़के और एक लड़की पर समान रूप से की जाती थी, लेकिन पिछली 2 शताब्दियों से, यह रस्म केवल महिलाओं तक ही सीमित रह गयी है। 2022 में कर्णवेध संस्कार करने की सही उम्र विभिन्न हिंदू संप्रदायों में अलग अलग होती है। जहां कुछ लोग इसे बच्चे के जन्म के 12वें या 13वें दिन करते हैं, वहीं कुछ लोग इसे जन्म के बाद तीसरे और छठे महीने के बीच करते हैं। कुछ संप्रदायों में, यह अनुष्ठान बच्चे के पहले नक्षत्र जन्मदिन पर आयुष सम्मान संस्कार के साथ किया जाता है।
आजकल, कुछ लोग कर्णवेध संस्कार 2022 और मुंडन संस्कार एक ही दिन करते हैं, या तो जब बच्चा अपने ग्यारहवें महीने में होता है या विषम वर्ष की आयु में होता है तब करते हैं।
हालाँकि, आधुनिक युग के अनुसार, दो महीने का होने पर बच्चे के कान छिदवाना सुरक्षित माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह उम्र टेटनस जैब की तरह बच्चे के टीकाकरण के पहले दौर के साथ ही आती है।
कर्णवेध संस्कार 2022: धार्मिक महत्व
वेदों के अनुसार, कर्णवेध संस्कार (2022 कर्णवेध मुहूर्त) सोलह संस्कारों के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक माना गया है, जिसे हिंदू धर्म से संबंधित लोगों को करना होता है। इसके अलावा अन्य संस्कार जन्म, शिक्षा, विवाह, गर्भावस्था इत्यादि होते हैं। कर्णवेध संस्कार एक पवित्र समारोह है जो एक बच्चे पर किया जाता है, और हिंदू धर्म के अन्य संप्रदायों की तुलना में ब्राह्मण समुदाय में इसका अत्यधिक महत्व देखने को मिलता है। यह पवित्र समारोह प्रार्थना और पूजा जैसे विभिन्न अनुष्ठानों के साथ किया जाता है।
कर्णवेध समारोह 2022 महान आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व रखता है। इसके बारे में ऐसा माना जाता है कि, एक बच्चे के कान छिदवाने से, पवित्र ध्वनियों को प्राप्त करने के लिए रास्ता खुल जाता है, जो बच्चे के मन और आत्मा को शुद्ध करने के साथ साथ उसकी आत्मा का पोषण भी करता है।
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2022 में कान छेदन समारोह के लाभ
कर्णवेध संस्कार (2022 कर्णवेध मुहूर्त) झुमके और अन्य आभूषण पहनने की सुविधा के अलावा कुछ चिकित्सीय और शारीरिक लाभ भी रखता है। जैसे कि,
- लड़कियों के लिए यह माना जाता है कि, कान छिदवाने से उनके मासिक धर्म चक्र में नियमितता बनाए रखने में मदद मिलती है।
- कान छिदवाने के बाद जब कोई कान की बाली पहनता है तो यह मानव शरीर में विद्युत प्रवाह को बनाए रखता है।
- सुश्रुत के अनुसार कान छिदवाने से हाइड्रोसील और हर्निया जैसी बीमारियों से भी बचाव होता है।
- प्राचीन काल से यह माना जाता है कि, कम उम्र में कान छिदवाने से बच्चे की सोचने की क्षमता में सुधार होता है। कान की लोब में मध्याह्न बिंदु मस्तिष्क के बाएं और दाएं गोलार्ध को जोड़ते हैं, और कर्णवेध या कान का छिदना इन दोनों भागों को सक्रिय करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- पियर्सिंग या कान का छिदना हिस्टीरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम में भी मददगार साबित होता है।
- सिर्फ इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सूर्य की किरणें कान की लोब में स्थित आभूषण पर पड़ती हैं, जिससे ऊर्जा निकलती है, जिससे बच्चे की बुद्धि में वृद्धि होती है।
कर्णवेध मुहूर्त 2022 के लिए महत्वपूर्ण बातें
अनुकूल दिन:
- सोमवार
- बुधवार
- गुरूवार
- शुक्रवार
अनुकूल सितारे:
- गतिशील सितारे (अश्विनी नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र और पुनर्वसु नक्षत्र)।
- अनुकूल सितारे (मृगशिरा नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र)
प्रतिकूल तिथियां:
- चतुर्थी
- चतुर्दशी
- कृष्णाष्टमी
- नवमी
- अमावासी
प्रतिकूल नित्य योग:
- विष्कंभ
- अथिगंधः
- सुला
- गंध:
- व्यघाट:
- वज्र
- व्यतिपथः
- परीखा
- वैधृति।
10वें, 12वें या 16वें दिन, या 7वें या 8वें महीने में या बच्चे के जन्म के विषम वर्षों में कर्णवेध संस्कार करा लेने की सलाह दी जाती है।
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कर्णवेध संस्कार 2022 के लिए वैदिक प्रक्रिया
प्राचीन आयुर्वेद शोधकर्ता और सर्जन सुश्रुत (छठी शताब्दी ईसा पूर्व) ने सुझाव दिया था कि, कान छिदवाने से हर्निया और हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है। ऐसे में उन्होंने इस कर्णवेध समारोह को करने के लिए जो बेहद सतर्क प्रक्रिया बताई है वो कुछ इस प्रकार है:
- बच्चा अपनी मां या फिर नर्स की गोद में रखना/होना चाहिए।
- बच्चे को सहज और आरामदायक महसूस कराया जाना जाना चाहिए और उसका ध्यान प्रक्रिया से दूर रखने के लिए उसके हाथ में एक खिलौना दे दिया जाना चाहिए।
- कान छेदने या कर्णवेध (Karnavedha Muhurat 2022) करने वाले सर्जन को अपने बाएं हाथ से बच्चे के कान को खींचना चाहिए। फिर उसे धूप में प्राकृतिक छिद्रों पर धीरे-धीरे कान छिदवाना चाहिए।
- कोमल कानों को सुई से छेदना चाहिए, और कड़े कानों को एक प्रोब (प्रोब ट्यूब) से छेदा जाना चाहिए।
- कान छिदने की प्रक्रिया के बाद, कानों को रुई का उपयोग करके तेल लगाना चाहिए।
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