कर्णवेध मुहूर्त 2023 तिथियां: कर्णवेध संस्कार 2023 मुहूर्त!

एस्ट्रोसेज के इस कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) आर्टिकल में आप जानेंगे कि वर्ष 2023 में कर्णछेदन संस्कार के लिए कौन-कौन सी शुभ तिथियां हैं एवं उनका शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही इसमें आपको कर्णवेध संस्कार के महत्व, रीति-रिवाज़ और कर्णवेध मुहूर्त को निर्धारित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। तो आइए सबसे पहले देखते हैं कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) सूची, जिसकी मदद से आप अपने बच्चे के कर्णछेदन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त का चयन कर सकते हैं।

कर्णवेध मुहूर्त 2023 तिथियां

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कर्णवेध संस्कार के मुहूर्त एवं रीति-रिवाज़ों के बारे में जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात

कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023)

कर्णवेध मुहूर्त 2023: जनवरी
तिथि दिन मुहूर्त
01 जनवरी 2023 रविवार 07:55-08:32, 10:34-14:42
07 जनवरी 2023 शनिवार 07:56-11:18, 12:59-18:11
08 जनवरी 2023 रविवार 08:25-12:39, 14:34-18:25
14 जनवरी 2023 शनिवार 07:56-09:23, 11:11-15:46
15 जनवरी 2023 रविवार 07:56-11:07, 12:32-18:17
18 जनवरी 2023 बुधवार 07:56-12:01, 13:55-17:45
22 जनवरी 2023 रविवार 07:55-08:52, 10:39-15:15
23 जनवरी 2023 सोमवार 07:54-08:48, 10:35-17:26
27 जनवरी 2023 शुक्रवार 07:53-11:24, 13:20-19:16
28 जनवरी 2023 शनिवार 07:56-09:23
कर्णवेध मुहूर्त 2023: फरवरी
तिथि दिन मुहूर्त
01 फरवरी 2023 बुधवार 14:50-16.30
3 फरवरी 2023 शुक्रवार 07:50-09:40, 11:10-16:40
05 फरवरी 2023 रविवार 12:40-14:10
10 फरवरी 2023 शुक्रवार 09:30-14:00, 16:30-18:30
11 फरवरी 2023 शनिवार 09:15-16:20
24 फरवरी 2023 शुक्रवार 07:30-11:10, 13:25-19:10
कर्णवेध मुहूर्त 2023: मार्च
तिथि दिन मुहूर्त
09 मार्च 2023 बृहस्पतिवार 07:38-12:14, 14:49-19:06
10 मार्च 2023 शुक्रवार 07:34-10:15
13 मार्च 2023 सोमवार 07:54-08:48
18 मार्च 2023 शनिवार 07:09-11:39, 14:13-18:31
19 मार्च 2023 शनिवार 07:08-11:35, 16:30-18:27
23 मार्च 2023 बृहस्पतिवार 07:03-07:48, 09:43-18:11
24 मार्च 2023 शुक्रवार 07:02-09:20, 11:35-15:50
31 मार्च 2023 शुक्रवार 09:12-15:23, 17:59-19:56
कर्णवेध मुहूर्त 2023: अप्रैल
तिथि दिन मुहूर्त
06 अप्रैल 2023 बृहस्पतिवार 07:10-10:30, 12:55-19:40
07 अप्रैल 2023 शुक्रवार 07:10-12:40
10 अप्रैल 2023 सोमवार 10:30-14:45
15 अप्रैल 2023 शनिवार 10:30-14:45
24 अप्रैल 2023 सोमवार 11:50-18:30
26 अप्रैल 2023 बुधवार 07:30-11:20, 14:00-18:10
27 अप्रैल 2023 बृहस्पतिवार 07:40-13:30
28 अप्रैल 2023 शुक्रवार 07:20-11:10
कर्णवेध मुहूर्त 2023: मई
तिथि दिन मुहूर्त
03 मई 2023 बुधवार 07:00-08:40, 11:10-17:50
07 मई 2023 रविवार 06:40-13:00, 15:30-19:50
12 मई 2023 शुक्रवार 06:30-08:00 , 00:30-17:10
17 मई 2023 बुधवार 06:10-14:30, 17:10-19:10
21 मई 2023 रविवार 10:00-16:40
12 मई 2023 शुक्रवार 07:40-09:40
24 मई 2023 बुधवार 07:30-12:10, 14:20-18:50
25 मई 2023 बृहस्पतिवार 07:30-11:50, 14:20-18:20
कर्णवेध मुहूर्त 2023: जून
तिथि दिन मुहूर्त
08 जून 2023 बृहस्पतिवार 08:50-15:30, 18:00-19:20
09 जून 2023 शुक्रवार 06:40-08:30, 11:00-17:40
12 जून 2023 सोमवार 15:30-19:50
14 जून 2023 बुधवार 06:10-12:50
18 जून 2023 रविवार 12:50-17:10
21 जून 2023 बृहस्पतिवार 06:00-10:00, 12:30-17:10
26 जून 2023 सोमवार 16:50-19:00
28 जून 2023 बुधवार 09:50-16:30
कर्णवेध मुहूर्त 2023: जुलाई
तिथि दिन मुहूर्त
01 जुलाई 2023 शनिवार 07:20-09:20, 11:50-16:20
05 जुलाई 2023 बुधवार 07:00-13:40 , 16:20-18:20
05 जुलाई 2023 बुधवार 06:40-08:50, 11:20-18:00
15 जुलाई 2023 शनिवार 06:20-15:20, 17:50-19:50
कर्णवेध मुहूर्त 2023: अगस्त
तिथि दिन मुहूर्त
21 अगस्त 2023 सोमवार 06:30-10:40, 13:10-19:00
24 अगस्त 2023 बृहस्पतिवार अगस्त 24, 2023
कर्णवेध मुहूर्त 2023: सितंबर
तिथि दिन मुहूर्त
04 सितंबर 2023 सोमवार 10.00-12:00
07 सितंबर 2023 बृहस्पतिवार 12.00 -17.50
10 सितंबर 2023 रविवार 07:15-14:00, 16:07-19:00
11 सितंबर 2023 सोमवार 07:15-13:50, 16:15-19:00
16 सितंबर 2023 शनिवार 11:25-1730
17 सितंबर 2023 रविवार 06:50-08:50, 11:25-17:10
18 सितंबर 2023 सोमवार 06:45-11:00
20 सितंबर 2023 बुधवार 17:20-18:30
21 सितंबर 2023 बृहस्पतिवार 06:50-13:30, 15:30-17:00
25 सितंबर 2023 सोमवार 13:12-16:50
कर्णवेध मुहूर्त 2023: अक्टूबर
तिथि दिन मुहूर्त
15 अक्टूबर 2023 रविवार 07:10-09:20, 11:50-16:50
28 अक्टूबर 2023 शनिवार 16:10-19:00
कर्णवेध मुहूर्त 2023: नवंबर
तिथि दिन मुहूर्त
03 नवंबर 2023 शुक्रवार 07:10-08:10, 10:40-15:40
04 नवंबर 2023 शनिवार 12:40-17:00
05 नवंबर 2023 रविवार 07:10-10:20
10 नवंबर 2023 शुक्रवार 07:50-13:40, 15:20-18:10
11 नवंबर 2023 शनिवार 07:50-15:10
19 नवंबर 2023 रविवार 07:20-13:10, 14:50-18:50
20 नवंबर 2023 सोमवार 17:40-19:30
24 नवंबर 2023 शुक्रवार 07:30-09:00, 11:20-15:40
25 नवंबर 2023 शनिवार 07:30-11:00, 13:00-15:40
29 नवंबर 2023 बुधवार 08:50-14:00
कर्णवेध मुहूर्त 2023: दिसंबर
तिथि दिन मुहूर्त
01 दिसंबर 2023 शुक्रवार 17:00-19:00
02 दिसंबर 2023 शनिवार 07:30-08:30, 10:50-15:10
07 दिसंबर 2023 बृहस्पतिवार 07:40-12:00, 13:40-18:20
08 दिसंबर 2023 शुक्रवार 07:40-11:50, 13:30-18:20
09 दिसंबर 2023 शनिवार 08:20-12:10
17 दिसंबर 2023 रविवार 07:40-11:20, 13:00-19:50
21 दिसंबर 2023 बृहस्पतिवार 11:20-13:50, 15:40-19:40
22 दिसंबर 2023 शुक्रवार 07:50-09:20, 11:10-15:20
28 दिसंबर 2023 बृहस्पतिवार 07:50-12:20, 13:40-19:20
29 दिसंबर 2023 शुक्रवार 09:00-13:40, 15:10-18:40

कर्णवेध संस्कार के मुहूर्त एवं रीति-रिवाज़ों के बारे में जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात

हिन्दू धर्म में कर्णवेध मुहूर्त 2023 का महत्व

हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ कार्य विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा बताये गये मुहूर्त में किया जाता है। इसी प्रकार शिशु के जन्म के 28 दिनों बाद अन्नप्राशन, कर्णवेध और अन्य संस्कारों को करना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में कर्णवेध संस्कार के दौरान शिशु के पहली बार कान छेदे जाते हैं। "कर्णवेध" शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों "कर्ण" और "वेध" से मिलकर हुई है जिसका अर्थ है बच्चे के कान छेदना।

हिंदू परिवारों में जन्म लेने वाले हर शिशु का कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) पर कान छेदन संस्कार अनिवार्य है। बच्चों के कान छिदवाने से नकारात्मक शक्तियों के बुरे प्रभाव दूर होते हैं। इस प्रक्रिया के तहत कान के निचले भाग के केंद्र में छेद किया जाता है। कर्णवेध संस्कार सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जो शिशु का सुरक्षित भविष्य और खुशियां सुनिश्चित करता है।

कर्णवेध मुहूर्त 2023: कान छेदन समारोह के लाभ

कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) के अंतर्गत कान छेदने से बच्चा शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहता है। इसके अलावा बच्चे को कान से जुड़ी समस्याओं समेत बहरापन और मानसिक रोग आदि से भी मुक्ति मिलती है।

कर्णवेध को लेकर बड़े बुजुर्गों का मानना है कि जिन बच्चों का कर्णवेध संस्कार नहीं किया जाता है, वे पितृ पक्ष जैसे धार्मिक अनुष्ठानों को करने से वंचित रहते हैं। कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) के अनुसार, हिंदू धर्म में कर्णवेध संस्कार को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसको किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद सही उम्र और समय पर करना चाहिए।

कर्णवेध संस्कार का लाभ पुरुष और स्त्री दोनों को ही कौशल और सुंदरता के रूप में प्राप्त होता है। मान्यता है कि यह संस्कार हर्निया, लकवा आदि से सुरक्षा प्रदान करता है।

कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) के दौरान कान छिदवाने के बाद, इसमें सोने का आभूषण पहनने से कान की नसें स्वस्थ रहती है। ज्योतिषीय दृष्टि की बात करें तो माना जाता है कि बच्चे के कान में पहने हुए सोने के आभूषण पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो शिशु की बुद्धि का विकास होता है। साथ ही इस संस्कार को करने से शिशु के जीवन से राहु-केतु के दुष्प्रभाव भी दूर होते हैं।

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कर्णवेध मुहूर्त 2023: कान छेदन समारोह को करने की सही उम्र

यह संस्कार बच्चे की एकाग्रता और सीखने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है इसलिए इसे पारंपरिक रूप से विद्यारंभ संस्कार से पहले सम्पन्न किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चे को स्कूल में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।

अगर कर्णवेध संस्कार किसी ज्योतिषी द्वारा सुझाये गये समय पर नहीं किया जाता है तो माता-पिता बच्चे के जन्म के तीसरे या पांचवें वर्ष में इसे कर सकते हैं।

कुछ परिवार अपने घर-परिवार की परंपराओं के अनुसार, शिशु के जन्म के बाद विषम वर्षों जैसे 1, 3, 5 आदि में कर्णवेध संस्कार करते हैं। वहीं, बालकों के समान ही बालिकाओं के कान और नाक छेदने का संस्कार भी विषम वर्षों में किया जाता है।

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ज्योतिष के अनुसार कर्णवेध संस्कार का शुभ मुहूर्त

  • हिन्दू धर्म के अनुसार, किसी शिशु के कर्णवेध संस्कार को सदैव शुभ लग्न, तिथि, दिन, माह और नक्षत्र में किया जाना चाहिए।
  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कर्णवेध संस्कार को करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब बृहस्पति वृषभ, तुला, धनु और मीन राशि में स्थित होते हैं।
  • कर्णवेध संस्कार को कार्तिक, चैत्र, पौष और फाल्गुन आदि महीनों में करना श्रेष्ठ होता है।
  • इस संस्कार के लिए सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के दिन अनुकूल होते हैं।
  • नक्षत्र की बात करें तो मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, श्रवण, धनिष्ठा और पुनर्वसु नक्षत्रों को कर्णवेध संस्कार करने के लिए लाभदायक माना जाता है।
  • इस संस्कार को चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या के अलावा किसी भी दिन कर सकते हैं।
  • ग्रहण के दौरान कर्णवेध संस्कार को करने से बचना चाहिए।

हालांकि आधुनिक युग में कर्णवेध संस्कार में भी कई परिवर्तन हुए हैं। इस संस्कार के समय और तिथि का निर्धारण लोग अब अपनी सुविधा के अनुसार करते हैं जबकि कुछ माता-पिता कर्णवेध मुहूर्त 2023 (Karnvedh Muhurat 2023) या विधि के बारे में सोच-विचार किये बिना ही शिशु के कान छिदवा देते हैं। ऐसे में शिशु को कर्णवेध संस्कार का लाभ नहीं मिल पाता है इसलिए इस संस्कार को सदैव अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद ही करना चाहिए।

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इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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