मार्गी शनि का धनु में गोचर 2019
शनि ग्रह को जीवन में सीख देने वाला ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को एक कुशल शिक्षक की भांति ज्ञान के तराजू से तोल कर उसे तराशते हैं और उसे कोहिनूर हीरे सरीखा बना देते हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि का गोचर एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थिति है, क्योंकि ऐसी स्थिति में शनि देव का प्रभाव प्रत्येक मानव के जीवन पर शुभ अथवा अशुभ रूप से दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक राशि में ढाई वर्ष के आसपास की समय सीमा में गोचर करने वाला ग्रह मानते हैं और यही सबसे लंबे समय तक गोचर करने वाले ग्रह हैं। इसी वजह से इनके द्वारा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में स्थायित्व की प्राप्ति होती है और व्यक्ति जीवन में अग्रसर होता है। कर्म प्रधान ग्रह होने के कारण जब शनि ग्रह वक्री होता है तो, व्यक्ति को जीवन में बहुत परिश्रम करना पड़ता है और हर कार्य के लिए उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस दौरान उसके कर्मों का बोझ उतरने का समय होता है, क्योंकि व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याएं यह सिखाने आती हैं कि उसे जीवन में किस प्रकार आगे बढ़ना है।
मकर और कुंभ राशि का स्वामी शनि काल पुरुष की कुंडली में कर्म भाव अर्थात दशम भाव और लाभ भाव अर्थात एकादश भाव का मुख्य स्वामी ग्रह माना जाता है। यह हमारे जीवन में हमारे कर्म, विभिन्न प्रकार की सेवाएं, नौकरी और लोकतांत्रिक संस्थाओं के कारक माने जाते हैं। इसलिए विशेष रूप से जीवन की अन्य स्थितियों के अतिरिक्त इन्हें व्यक्ति के कार्य क्षेत्र से संबंधित मानकर बहुत महत्व दिया जाता है।
शनिदेव ने वर्ष 2019 में धनु राशि में ही गति को जारी रखा हुआ है, जहां ये 30 अप्रैल को वक्री अवस्था में चले गए थे और अब 18 सितंबर को प्रातः 8:54:22 बजे वक्री गति समाप्त करते हुए पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे और इसके पश्चात् वर्ष पर्यंत धनु राशि में स्थित रहकर सभी जीवधारियों को अपनी ऊर्जा से प्रभावित करेंगे। शनि की यह मार्गी गति पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगी जिसके स्वामी शुक्र देव है और 27 दिसंबर 2019 को सूर्य के आधिपत्य वाले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में शनि का प्रवेश होगा।
आइए अब यह जानने का प्रयास करते हैं कि अपनी वक्री गति को बदलकर मार्गी चाल से चलने वाले शनि देव धनु राशि में रहकर वर्ष 2019 के दौरान आप सभी पर किस प्रकार का प्रभाव दिखाते हैं:
वक्री शनि मार्गी अवस्था में करेंगे बेड़ा पार
शनि को उनकी मंद गति के कारण शनैश्चर कहा जाता है और जब ये वक्री अवस्था में होते हैं तो, कार्यों में विलंब का कारण बनते हैं। ऐसी अवस्था में व्यक्ति को अपने उद्देश्य की पूर्ति में हद से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और उसके प्रयासों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है, लेकिन अब जैसे ही शनि देव मार्गी हो जाएंगे, इन सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और व्यक्ति अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ेंगे। शनि का मार्गी होना आपको जीवन में नए-नए अवसर प्रदान करेगा। शनि कभी भी बुरे प्रभाव तब तक नहीं देता जब तक कि कुंडली में उसकी स्थिति प्रतिकूल ना हो। वैसे भी शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं और वक्री अवस्था में वह मौका देते हैं कि व्यक्ति अपनी ग़लतियों से कुछ सीख ले।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि
मेष राशि
मेष राशि वाले जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी है। आप ने पूर्व में काफी मेहनत की है और बहुत चुनौतियों का सामना किया है और अब वह समय आ गया है जब मार्गी होकर शनिदेव आपको हर सफलता प्रदान करेंगे। इस दौरान आपका भाग्य प्रबलता से आपके साथ खड़ा होगा और हर काम में आपको सफलता मिलेगी। आप जीवन में स्थायित्व की ओर बढ़ेंगे। हालांकि इस दौरान आपके कार्यक्षेत्र में स्थानांतरण की संभावना भी बनेगी, लेकिन यह स्थानांतरण भी आपके लिए फायदे का ही सौदा साबित होगा, इसलिए इसे सहर्ष स्वीकार करना बेहतर होगा। आपकी आमदनी में इज़ाफा होगा और आपको कोई पक्का माध्यम मिलेगा, जो आपकी आमदनी को बनाए रखेगा। भाई बहनों के प्रति थोड़ा सतर्क रहें और समय पड़ने पर उनकी सहायता भी करें। लंबी यात्राएं आपके लिए फायदे का सौदा साबित होंगी। आपको अपने पिताजी से अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए, इसलिए अपनी ओर से अच्छा व्यवहार करें और उनका पूरा सम्मान करें। आप अपने विरोधियों को नाकों चने चबवा देंगे और इस दौरान कार्य क्षेत्र में काफी अच्छे परिणाम मिलने की संभावना रहेगी।
उपाय: किसी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार पर प्रातः काल साफ़ सफ़ाई का कार्य करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। शनिदेव ने आपको जीवन में काफी समझदार बनाया है और अब वह समय आने वाला है कि उस समझदारी का आप पूरी तरह से प्रयोग करें। मार्गी होने के बाद शनिदेव आपको धीरे-धीरे भाग्य की सहायता दिलवा देंगे और आने वाले समय में आपकी कुछ योजनाएं भी सफल होंगी, जिनसे आपको अच्छा आर्थिक लाभ हो सकता है और आपकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे मजबूत होना शुरू होगी। आपको स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा गंभीर रहना चाहिए, क्योंकि कोई बड़ी समस्या एस समय के दरम्यान परेशान कर सकती है। हालांकि किसी पुरानी बीमारी से राहत मिलने की भी संभावना रहेगी। आपको कोई विरासत या पैतृक संपत्ति मिलने की प्रबल संभावना है, लेकिन याद रखें कि ऐसा तभी होता है, जब कोई कठोर समाचार आपको सुनना पड़े। कार्यक्षेत्र में प्रयास जो आपने आज तक किए हैं, उन्हें अभी और जारी रखें, थोड़ा सा समय और बाकी है, जब आपको उसका फल मिलेगा। अपने ससुराल पक्ष के लोगों से कोई भी वाद विवाद ना करें, बल्कि हर बात को प्यार से सुलझाने का प्रयास करें। संतान के प्रति आपकी चिंताएं जायज़ नहीं होंगी, क्योंकि वे अपनी राह पर अच्छा प्रदर्शन जारी रखेंगे। प्यार के मामले में थोड़ा सा बेचैन होने से बचें और शिक्षा के प्रति गंभीर रहें।
उपाय: चींटियों के स्थान पर चीनी और आटा डालें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव का स्वामी है। शनि के मार्गी होने का अच्छा प्रभाव आपको प्राप्त होने वाला है और अब से आपको जीवन में जीवन साथी का पूरा सहयोग मिलेगा और केवल इतना ही नहीं, उनकी मदद से आपका भाग्य चमक उठेगा। जो आपके कार्य अटके पड़े थे, वे सभी अब पूरे होने लगेंगे और आपको लंबी यात्राएं करने का भी मौका मिलेगा। ये यात्राएं आपकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगी। दांपत्य जीवन में थोड़ा तनाव बना रह सकता है, लेकिन इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करें और एक अच्छे जीवनसाथी का फर्ज निभाते हुए अपने वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करें। अपने स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान दें, क्योंकि स्वास्थ्य से बढ़कर कोई धन नहीं है और इस दौरान आपका स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। इसके साथ-साथ आप अपने घरेलू जीवन की सभी जिम्मेदारियों को निभाने की दिशा में पहल करें। यह आपका कर्तव्य भी है और आपको इस दिशा में प्रयास करना भी चाहिए। आपकी माता जी को आप की आवश्यकता हो सकती है, उनका भी थोड़ा ध्यान अवश्य रखें। व्यापार के मामले में आप को प्रगति मिलनी शुरू हो जाएगी। कुछ नये व्यापारिक रिश्ते जुड़ेंगे, जो आपके लिए काफी बेहतर नतीजे लेकर आएँगे।
उपाय: शनिवार के दिन अपने घर में श्री शिव रुद्राभिषेक करवाएं।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। शनि देव मार्गी अवस्था में आपके छठे भाव से गोचर करेंगे, जिससे आप अपने विरोधियों को पूरी तरह से शांत करने में कामयाब हो जाएंगे और वे चाहे कितना भी प्रयास कर लें, आपका बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे। आपकी जो स्वास्थ्य समस्याएं चली आ रही थीं, वे भी अब धीरे-धीरे ठीक होना शुरू हो जाएंगी और आपको मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलेगी। हालांकि आपके खर्चे अभी थोड़े बढ़े हुए रह सकते हैं, इसलिए उनके प्रति थोड़ा सचेत रहें। आपके कार्यस्थल पर जो समस्याएं चल रही थीं, जिसमें आप थोड़ा सा मायूस हो गए थे, अब आपको नई संजीवनी मिलेगी और कामकाज के सिलसिले में आपकी धाक जमेगी। इस दौरान आप कुछ ऐसा करेंगे, जिससे आपको अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सुदूर यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है तथा कोर्ट कचहरी आदि के मामलों में या वाद विवाद, आदि में आपको अच्छी सफलता मिल सकती है। यह गोचर आपको अपने स्वास्थ्य और जीवन के प्रति बहुत कुछ सिखा कर जाएगा, इसलिए हर चुनौती को एक नई सीख के रूप में स्वीकार करें और उसका सामना करें।
उपाय: नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी हैं। यह समय है अपनी लव लाइफ को पूरी तरह से जीने का। आपने अपने प्रियतम को यदि कभी कोई कष्ट पहुंचाया हो या मानसिक रूप से उन्हें तनाव दिया हो तो, उसके लिए उनसे क्षमा मांगें और सच्चे दिल से अपने प्यार को निभाने का प्रयास करें। यकीन मानिए, शनिदेव आपको हर खुशी देंगे। संतान के मामले में आपको थोड़ा ध्यान से चलना होगा, क्योंकि उनका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है, जिससे आपकी मानसिक चिंताएं बढ़ेंगी। इसके अतिरिक्त यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो, शिक्षा के मामले में आपको बहुत ही ज्यादा सोच समझकर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि इस दौरान आपकी एकाग्रता भंग होने से आपकी शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती हैं और कुछ ऐसी समस्याएं भी आ सकती हैं जो, आपकी पढ़ाई को रोकने का कार्य करें। ऐसे में स्वयं के प्रयासों से आप आगे बढ़ पाएंगे। इस दौरान आपने पूर्व में किसी से कर्ज लिया था, उसे चुकाने में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं और इससे आपको बहुत राहत मिलेगी। जीवनसाथी को इस दौरान उनके कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं, ऐसे में उनका साथ दें। आपकी आमदनी में बेहतरी होगी, लेकिन किसी कारणवश आप अपनी वर्तमान जॉब को बदलने की सोच सकते हैं। आप धन की अहमियत समझते हैं और भविष्य के लिए उसे संचित करने में आप कुछ हद तक सफल हो सकते हैं।
उपाय: किसी ग़रीब अथवा असहाय की यथासंभव सहायता करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शनि देव पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। शनि का मार्गी होना आपको पिछली कुछ सीखों को अमल में लाने का मौका देगा। अब आप अपने परिवार की अहमियत समझते हैं और इसलिए इस दौरान आप अपने परिवार पर पूरा ध्यान देंगे। उनकी जरूरतों को समझेंगे और जब भी आवश्यक होगा आप अपनी ज़िम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटेंगे। आपकी माताजी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, इसलिए उन पर ध्यान देना अति आवश्यक रहेगा। हालांकि आपके परिवार में कोई प्रॉपर्टी विवाद जन्म ले सकता है, जिसे सोच समझकर सुलझाना बेहतर रहेगा। अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से निभाएं। आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे और उन्हें जीतने का कोई मौका नहीं देंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे छात्रों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको मेहनत अधिक करनी होगी, लेकिन हिम्मत हारने की आवश्यकता नहीं है, अच्छा समय धीरे-धीरे आने वाला है। इसके साथ ही आपको अपने स्वास्थ्य पर थोड़ा ध्यान देना होगा, विशेष रूप से अपने वक्ष स्थल तथा फेफड़ों आदि के बारे में थोड़ा सजग रहें। इस दौरान मातृ पक्ष के लोगों से आपको कोई अच्छा लाभ मिल सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन एक लोहे अथवा मिटटी के बर्तन में सरसों का तेल भरें और उसमें अपना चेहरा देख कर इसे छाया पात्र के रूप में दान करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शनि देव चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी हैं। आपके लिए शनि का मार्गी होना बहुत महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दौरान आपको यह सीख मिल चुकी है कि किस प्रकार अपने आलस और लापरवाही को छोड़कर महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाना चाहिए और यही आपको अब करना होगा, तभी आप अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर पाएंगे। छोटे भाई बहनों की ओर से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और उनमें से कोई विदेश जाने की कोशिश में लगा रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मियों से अच्छा व्यवहार ही आपको आगे रखेगा, अन्यथा वे आपके विरुद्ध भी जा सकते हैं। प्रेम जीवन के संदर्भ में शनि देव का मार्गी होना आपके लिए बेहतर परिणाम लेकर आएगा और आपके प्यार की धाक जमेगी। आपका प्रेम जीवन मजबूत होगा और परस्पर समझदारी का भाव विकसित होगा। इस दौरान की गई यात्रायें आपको कुछ नई सीख देकर जाएंगी। अब से आपको आपके खर्चों में कटौती करने के बारे में आपको विचार करना होगा, क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो, आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। यह समय है अपने प्रयासों से तरक्की अर्जित करने का, तो जी जान से जुट जाइए।
उपाय: महाराज दशरथ कृत नील शनिस्तोत्र का पाठ करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि देव तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। वृश्चिक राशि वालों के परिवार में जो समस्याएं चली आ रही थी, अब धीरे-धीरे उन से मुक्ति का रास्ता मिलने लगेगा। हालांकि चुनौतियाँ अभी भी पूरी तरह से कम नहीं होंगी और परिवार को जोड़ कर रखना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में आपके सामने आएगा। आपकी माता जी को कुछ अच्छे लाभ प्राप्त होने की संभावना रहेगी तथा उनका स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले बेहतर बनेगा। शनि की दृष्टि आपको प्रॉपर्टी के मामलों में काफी लाभ पहुंचाने का जरिया बनेगी और आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे तथा किसी पुरानी प्रॉपर्टी को बेच कर उससे लाभ मिलने का रास्ता खुलेगा। परिवार से दूरी भी होने की संभावना रह सकती है, चाहे उसकी वजह आपका कोई काम हो या कोई अन्य बात। आपका मन कुछ नई और गूढ़ बातों को सीखने में लगेगा, जिससे आपको कुछ अच्छे अनुभव भी प्राप्त होंगे। आपकी आमदनी में इस बार जबरदस्त इज़ाफा हो सकता है और कोई एक पक्का जरिया आपको मिल सकता है, जो भविष्य में आपकी इनकम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उपाय: शनिवार के दिन काले तिलों अथवा साबुत उड़द का दान करें।
धनु राशि
धनु राशि के लिए शनि देव द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी हैं। आप अभी भी शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में चल रहे हैं, लेकिन जो एक स्वास्थ्य को लेकर समस्याएं चली आ रही थीं या मानसिक तनाव हद से ज्यादा चरम पर पहुंच गया था, अब धीरे-धीरे आपको उसमें राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। आपकी सोच विकसित होगी और आपने पिछले कुछ समय में जो बहुत कुछ आपने सीखा है, उसने आपके जीवन जीने के नज़रिए को बदल दिया है। इस दौरान आप अपने अंदर झांकेंगे और अपने जीवन की अच्छाइयों और बुराइयों का विश्लेषण करेंगे। आपको दांपत्य जीवन में थोड़ा संभल कर चलना होगा और जीवन साथी को भी अपने बराबर महत्व देना होगा, क्योंकि यह रिश्ता दोनों की बराबरी का है। छोटे भाई बहनों के प्रति आप सहयोग की भावना रखेंगे तथा कार्य क्षेत्र में जमकर पसीना बहाएंगे और यही मेहनत अब आपको फर्श से अर्श पर ले जाने का काम करेगी और आपकी तरक्की के मार्ग खोलेगी। पिताजी से कुछ अनबन हो सकती है, लेकिन उनकी इज़्ज़त बिल्कुल भी कम ना होने दें और उनका सम्मान करें।
उपाय: शनिवार के दिन चमेली के तेल का दीपक जला कर हनुमान चालीसा अथवा सुन्दरकाण्ड का पाठ करें और लोगों में बूंदी का प्रसाद बांटें।
मकर राशि
मकर राशि वाले जातकों के लिए शनि देव लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। शनि की स्थिति आपको परोपकार की राह पर ले कर जाएगी और आप दूसरों के लिए जीवन जीना प्रारंभ कर देंगे। यानि कि आप दूसरों की मदद करने में इस हद तक व्यस्त हो सकते हैं कि अपने हिस्से की वस्तुएँ भी उन्हें दे सकते हैं। ऐसे में आपको यह ध्यान रखना होगा कि अपनी निजी आवश्यकताओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में कोई कमी ना रह जाए। इस दौरान विदेश जाने की पूरी संभावना बनेगी और यदि आपने विदेश यात्रा के लिए प्रयास किया हुआ है तो, आपका वीज़ा भी जा लग सकता है। खर्चों की अधिकता हो सकती है, लेकिन साथ ही साथ विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होने के भी योग बनेंगे। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही आपको किसी बड़ी बीमारी से कष्ट दिलवा सकती है। ऐसे में आपको स्वास्थ्य के प्रति नज़रअंदाज़ नहीं रहना चाहिए। नींद से जुड़ी समस्याएं आपको हो सकती हैं या आपको नेत्र विकार हो सकता है। इन सबके अतिरिक्त स्थितियां सामान्य रहेंगी। इस दौरान ध्यान और मेडिटेशन करने में भी आपकी रुचि रहेगी और आपको अच्छे अनुभव मिलेंगे।
उपाय: शनिवार के दिन, शनि की होरा में उत्तम क्वालिटी का नीलम रत्न धारण करें।
कुंभ राशि
कर्म का कारक कहा जाने वाला शनि कुंभ राशि के जातकों के लिए लग्न और द्वादश भाव का स्वामी है। मार्गी अवस्था में शनि देव 11 वें भाव में उपस्थित रहेंगे। ये आपके लिए धन, समृद्धि और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इस दौरान आपकी योजनाओं को बल मिलेगा और उनके माध्यम से आपका अटका हुआ धन भी आपको प्राप्त हो जाएगा। स्वास्थ्य में आप नई ताज़गी महसूस करेंगे और पुरानी कोई बीमारी चली आ रही हो तो, उससे आपको मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही साथ आप अपने काम को भी काफी महत्व देंगे, जिसकी वजह से आपको प्रशंसा मिलेगी। प्रेम संबंधों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और उसकी वजह होगी आपका या आपके प्रियतम का रिश्ते में वफादार ना होना। यदि आप सच्चे हैं तो, कोई समस्या नहीं आएगी। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह समय जीवन में उन्नति देने वाला साबित होगा।
उपाय: आपको नियमित रूप से शमी वृक्ष को जल देकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव एकादश और द्वादश भाव के स्वामी हैं। आपके लिए शनि देव कर्म मार्ग की व्याख्या कर रहे हैं, अर्थात आप को सही दिशा में मेहनत करने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप नौकरी करते हैं तो, उसमें जी जान से जुट जाएँ और पूरा फोकस अपने काम पर रखें। साथ ही साथ परिवार और जीवनसाथी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाएं। कार्यक्षेत्र में यह समय परिश्रम करने का है। ऐसा सम्भव है कि कुछ समय के लिए आपको महसूस हो कि आपको आपकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है, लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आने वाला समय आप की बेहतरी का मार्ग खोलेगा। कामकाज के सिलसिले में विदेश अथवा सुदूर यात्राएं हो सकती हैं, जो आपके लिए सफलता दायक साबित होंगी। साथ ही साथ आपकी कर्मनिष्ठ प्रवृत्ति आपको औरों से आगे रखेगी और इस दौरान आप गजब की निर्णय क्षमता दिखाएँगे। इस दौरान परिवार से दूरी हो सकती है।
उपाय: शनिदेव के बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का नियमित जाप करें।
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