शनि गोचर 2019
शनि गोचर अर्थात शनि का राशि परिवर्तन वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म, सेवा, नौकरी और लोकतांत्रिक संस्थाओं का कारक माना जाता है। इसलिए यह मनुष्य के करियर व आजीविका को प्रभावित करता है। शनि ग्रह की चाल धीमी होती है इसलिए इसके परिणाम भी ठोस और स्थिर होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में शनि को सूर्य पुत्र, शनिश्चर, छायापुत्र और मंद आदि नामों से जाना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। सूर्य, चंद्रमा और मंगल को शनि शत्रु मानता है। जबकि बुध और शुक्र को मित्र व बृहस्पति के साथ सम भाव रखता है। आईये जानते हैं शनि गोचर 2019 के माध्यम से आपके जीवन पर क्या पढ़ेगा प्रभाव।
कर्म का स्वामी शनि वर्ष 2019 में धनु राशि में ही स्थित रहेगा। इस दौरान 30 अप्रैल को शनि वक्री गति करेगा और 18 सितंबर को धनु राशि में पुनः मार्गी हो जाएगा। इसी वर्ष शनि 20 जनवरी तक अस्त रहेगा यानि उसका प्रभाव कम हो जाएगा। वहीं साल के अंत में 27 दिसंबर को शनि पुनः अस्त होगा और 31 जनवरी 2020 तक इसी स्थिति में रहेगा। इस साल शनि ज्यादातर समय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में स्थित रहेगा और 27 दिसंबर 2019 को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। आईये जानते हैं साल 2019 में शनि की स्थिति आपके जीवन को किस तरह प्रभावित करेगी, साथ ही आपके करियर, नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा और पारिवारिक जीवन पर इसका क्या असर होगा।
मेष
मेष राशि वाले जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी है। ये भाव क्रमश: व्यवसाय, आमदनी, वृद्धि और कर्म आदि से संबंधित हैं। वर्ष 2019 में शनि गोचर की अवधि में आपको संयम के साथ काम लेना होगा। क्योंकि यह समय आपके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है। हालांकि यह समय आसानी से बीत जाएगा। किसी भी परिस्थिति में हार न मानें और निराश न होएं। इस मुश्किल समय में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत और लगन से काम करना होगा। इस वर्ष जून महीने तक आपके करियर की रफ्तार थोड़ी सुस्त रह सकती है। वहीं अप्रैल से सितंबर के बीच करियर और आय में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अक्टूबर के बाद परिस्थितियां बदल जाएगी और आपको भाग्य का साथ मिलेगा। इस अवधि में आप किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा में विजयी होंगे। साथ ही आप अपने विरोधियों को हरा देंगे। इस साल शनि के गोचर के दौरान अपने बड़े भाई-बहनों की सेहत पर अधिक ध्यान दें।
उपाय: गाय को घी लगी रोटी खिलाएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। ये भाव भाग्य, प्रसिद्धि, व्यवसाय और कर्म से संबंधित होते हैं। वर्ष 2019 में शनि का राशि परिवर्तन आपके करियर के लिए अच्छा रहने वाला है। अप्रैल से सितंबर की अवधि आपके करियर के लिए सबसे अच्छा समय सिद्ध होगा। हालांकि अक्टूबर के बाद आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निवेश के लिए यह समय बिल्कुल सही नहीं होगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ नहीं देगा और आपको धन हानि हो सकती है। वहीं इस साल बच्चों की शिक्षा पर भी आपको अधिक ध्यान देने की जरुरत होगी। इस वर्ष अपने परिवार को अधिक समय दें। विशेषकर जीवनसाथी को ज्यादा वक्त दें। बेवजह के विवादों से बचने की कोशिश करें वरना लोगों से आपके रिश्तों में खटास आ सकती है। शनि के गोचर के दौरान इस वर्ष आपके पिता की देखभाल और उनकी आज्ञा आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसलिए अपने पिता के साथ अच्छे संबंध बनाये रखें और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
उपाय: काले कपड़े और जूते का दान करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव का स्वामी है। ये भाव दीर्घायु, बड़े परिवर्तन, भाग्य और प्रसिद्धि से संबंधित होते हैं। साल 2019 में शनि गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहने वाला है। इस वर्ष आपके सभी तरह के विवादों का अंत हो जाएगा। कानूनी मामलों में यह साल आपके लिए अच्छा रहने वाला है। क्योंकि भाग्य का साथ मिलने से कोई फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। इस साल अप्रैल से सितंबर तक शनि की कृपा से निजी और पेशेवर जिंदगी में आप उन्नति करेंगे। आपके पारिवारिक जीवन में भी खुशियां आएंगी और घर में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। साल 2019 में शनि के गोचर के प्रभाव से यह वर्ष निवेश के लिए भी बेहतर रहने वाला है। इस दौरान आपको किसी भी तरह की आर्थिक हानि का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस साल आप अपने दोस्तों और परिजनों के साथ अच्छा वक्त गुजारेंगे। इससे आपको अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस साल आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। क्योंकि उनकी सेहत में गिरावट आ सकती है।
उपाय: मध्य अंगुली में काले घोड़े की नाल की अंगूठी पहनें।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी से संबंधित होता है जबकि अष्टम भाव बड़े परिवर्तन और दीर्घायु का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि में बेवजह के विवादों से बचने की कोशिश करें। यह समय आपके स्वास्थ्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं दे रहा है। इस वर्ष अप्रैल से सितंबर के मध्य तक शनि के प्रभाव की वजह से आपको लगातार यात्राएं करनी पड़ सकती है। कर्क राशि के जातकों को इस साल मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है। किसी भी व्यक्ति के लिए कटु भाषा का इस्तेमाल न करें वरना विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। बेहतर होगा कि विषम परिस्थितियों में संयम के साथ काम लें और क्रोध बिल्कुल न करें। इस वर्ष दोस्तों के साथ अच्छे माहौल में समय व्यतीत करें। आपके भाई-बहनों को आपकी मदद की जरुरत पड़ सकती है। घर या कार्यस्थल पर बेवजह के काम और विवादों में उलझने से बचें। इस वर्ष हर परिस्थिति में अपनी भावनाओं पर काबू रखें। इस साल आपको बेहतर प्रबंधन के साथ चलना होगा।
उपाय: पक्षियों को सात तरह के अनाज खिलाएं।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी हैं। कुंडली में छठा भाव संघर्ष, शत्रु और रोग से संबंधित होता है। वहीं सातवां भाव विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी को दर्शाता है। 2019 में आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा, इसलिए बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाएं। पैसों की बचत करें और आने वाले कल को संवारें। यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो यह साल बिजनेस के लिहाज से एकदम अच्छा रहने वाला है। क्योंकि इस साल आपको कई अच्छे अवसर मिलेंगे। बस आपको बिना देर करते हुए इन अवसरों को लपकना होगा। यदि इस साल अप्रैल से सितंबर तक आप कोई नया व्यवसाय शुरू करते हैं तो इसमें आपको लाभ की प्राप्ति होगी। वहीं नौकरी पेशा जातकों को इस वर्ष पदोन्नति की सौगात मिल सकती है या आपको नई नौकरी का ऑफर मिलने की भी संभावना है। इस साल आपको स्वास्थ्य संबंधी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप सेहतमंद रहेंगे। हालांकि आपको फिर भी संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा। वे जातक जो पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें इस वर्ष कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। दोस्तों और परिजनों के साथ यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। इस दौरान आप परिजन, मित्रों, जीवनसाथी व बच्चों के साथ सुखद पल व्यतीत करेंगे और आपके रिश्तों में मजबूती आएगी। यदि आप अविवाहित हैं या आपका प्रेम प्रसंग चल रहा है तो इस साल आप शादी के बंधन में बंध सकते हैं।
उपाय: पीपल के पेड़ के नीच सरसों के तेल का दीया जलाएं।
कन्या
कन्या राशि वालों के लिए शनि देव पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः शिक्षा, पितृत्व, रोग,संघर्ष और शत्रुओं से संबंधित होता है। शनि गोचर के दौरान साल 2019 में आप अपने निवास स्थान में परिवर्तन कर सकते हैं। करियर के क्षेत्र में भी उन्नति और वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि इसके लिए आपको कड़ा परिश्रम करना होगा। असंयमित दिनचर्या और तनाव अधिक होने से इस साल आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बेहतर होगा कि अप्रैल से सितंबर तक आप स्वस्थ रहने के लिए आप नियमित रूप से योग और व्यायाम करें। वहीं बात करें आपके आर्थिक जीवन की तो, इस साल आप किसी भी तरह का निवेश करने से बचें। वहीं प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में भी विवाद की स्थिति बन सकती है। इस साल तमाम चुनौतियों के बीच छात्रों को बड़ी सफलता मिलने की संभावना है। ईश्वर की भक्ति और सत्संग कार्यक्रमों में शामिल होने आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
तुला
तुला राशि वालों के लिए शनि देव चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः मॉं, हर्ष, वाहन, शिक्षा, पितृत्व आदि से संबंधित होते हैं। तुला राशि वाले जातकों के लिए शनि योग कारक ग्रह है, जो कि आपके लिए लाभकारी है। साल 2019 में शनि गोचर के प्रभाव से छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं। यदि आप स्वयं का व्यवसाय कर रहे हैं, तो आप अपने बिजनेस को विस्तार देने की योजना बना सकते हैं। अप्रैल से सितंबर के बीच आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और इसका लाभ आपको अपनी प्रोफेशनल लाइफ में देखने को मिलेगा। पूंजी निवेश करने से बेहतर रिटर्न प्राप्त होंगे। इस वर्ष आपकी स्मरण शक्ति और इच्छा बल में वृद्धि होगी। इस वर्ष शनि का गोचर पैसों के मामलों में आपको मिश्रित परिणाम देगा। आपकी आमदनी और खर्च दोनों में बढ़ोत्तरी होगी। इस साल आपके किसी लंबी यात्रा पर जाने की संभावना भी बन रही है। शनि की कृपा से आपका स्वास्थ्य एक दम बेहतर रहेगा।
उपाय: बंदर और कुत्ताओं को लड्डू खिलाएं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि देव तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। ये भाव जीवन में प्रयास, मॉं, भाई-बहन, संचार और हर्ष से संबंधित होते हैं। 2019 में सफलता, धन और समृद्धि पाने के लिए आपको कड़ा परिश्रम करना होगा। असफलता मिलने के बाद भी अपने प्रयास जारी रखें। करियर में बेहतर अवसर मिल सकते हैं या फिर कामकाज के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा करने का अवसर भी मिल सकता है। हालांकि ये आप निर्भर करेगा कि इन अवसरों का लाभ आप कैसे उठाते हैं। इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक आपको निवेश संबंधी मामलों में सफलता मिलने की संभावना है। क्योंकि निवेश से जुड़े मामलों में अच्छी सफलता मिल सकती है। शनि के गोचर के दौरान इस साल परिवार से जुड़े विवाद और मामलों में न उलझें। यही आपके लिए बेहतर होगा, क्योंकि विवाद में पड़ने से आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। कुछ भी बोलने से पहले अच्छे सोचें और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें अन्यथा विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। इस साल आपको अपने प्रियजनों से दूर रहना पड़ सकता है। हालांकि विभिन्न माध्यमों से उनके साथ संपर्क बनाये रखने की कोशिश जारी रखें।
उपाय: रोगियों की सेवा करें।
धनु
धनु राशि के लिए शनि देव द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः भाषा, धन, परिवार, भाई-बहन, प्रयास और संचार से संबंधित होते हैं। शनि आपकी ही चंद्र राशि में गोचर कर रहा है और इसका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव होगा। इस अवधि में आप कोई निवेश संबंधी योजना बना सकते हैं। इस वर्ष अपनी भाषा पर संयम रखें और सोच-समझकर बोलें। वैवाहिक जीवन में भी संभलकर चलने की जरुरत होगी। क्योंकि ऐसी संभावना है कि जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते प्रभावित हो जाएं, इसलिए ऐसी स्थिति में संयम के साथ काम लें। वैवाहिक जीवन में होने वाले हर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं। अगर आप काम के प्रति ईमानदार हैं तो इस अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में आप कार्यस्थल पर अच्छा कार्य करेंगे और अपने काम से आपको खुशी मिलेगी। हालांकि आवश्यकता से अधिक कार्य या काम का बोझ आपके लिए तनाव का कारण बन सकता है। इसलिए काम से थोड़ा समय निकालकर परिवार या मित्रों के साथ घूमने जाएं। संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा। आपके जीवनसाथी को सेहत संबंधी समस्याओं से परेशानी हो सकती है, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। शनि के गोचर की इस अवधि में आपके भाई-बहनों को करियर के क्षेत्र में तरक्की मिलेगी।
उपाय: मांसाहार और शराब के सेवन से परहेज करें।
मकर
मकर राशि वाले जातकों के लिए शनि देव लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। कुंडली में लग्न और द्वितीय भाव चरित्र, दीर्घायु, व्यक्तित्व, परिवार, धन और भाषा से संबंधित होते हैं। अगर आप एक छात्र हैं तो इस वर्ष उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा सकते हैं। शनि के गोचर की इस अवधि में आपको खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। क्योंकि बजट बिगड़ने से आपको आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष विदेश यात्रा पर जाने की संभावना भी बन रही है। ये यात्रा कामकाज या अन्य कार्य के सिलसिले में हो सकती है। शनि की कृपा से वर्ष 2019 में अप्रैल से सितंबर के मध्य तक आप करियर के क्षेत्र में उन्नति करेंगे। नौकरी पेशा जातकों का प्रमोशन संभव है। वहीं कार्यस्थल पर आपकी मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इस साल किसी भी तरह के कानूनी विवाद से दूर रहने की कोशिश करें। क्योंकि इस तरह के मामलों में पड़ने से आपको बड़ी हानि पहुंच सकती है। स्वास्थ्य रहने के लिए संतुलित और स्वच्छ भोजन करें व बाहर के खाने से परहेज करें। सेहतमंद रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आपके लिए लाभकारी रहेगा।
उपाय: जटा वाले नारियल नदी में प्रवाहित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ
कर्म का कारक कहा जाने वाला शनि कुंभ राशि के जातकों के लिए लग्न और द्वादश भाव का स्वामी है। ज्योतिष में द्वादश भाव हानि, खर्च, चिकित्सा और शयन सुख से संबंधित होता है। वहीं लग्न यानि प्रथम भाव मनुष्य के चरित्र, दीर्घायु और व्यक्तित्व को दर्शाता है। शनि के गोचर की इस अवधि में आपको कार्यस्थल पर अनेक अवसर मिलेंगे। यह समय आपके लिए हर मामले में बेहद शुभ साबित होगा। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और पहले की तुलना में आप स्वयं को अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे। शनि के प्रभाव से इस वर्ष आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों की ओर बढ़ेगा। वहीं इस साल वक्री अवस्था के कारण अप्रैल से सितंबर तक आपको कोई बड़ा धन लाभ होने की संभावना है। इस अवधि में आप अपने जीवनसाथी से ज्यादा अपेक्षा ना रखें बल्कि उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करें। इससे आपके रिश्तों में एक मजबूती आएगी। यदि आप छात्र हैं तो इस वर्ष आप अपना अध्ययन सतत रूप से जारी रखेंगे। हालांकि इस दौरान कुछ नया होने की संभावना कम है।
उपाय: मंदिर में सरसों के तेल का दान करें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव एकादश और द्वादश भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष में एकादश भाव सफलता, वृद्धि और आय से संबंधित है। वहीं द्वादश भाव हानि, खर्च, रोग और शयन सुख को दर्शाता है। 2019 में शनि के गोचर की अवधि में आपको अपने कड़े परिश्रम का अच्छा परिणाम मिल सकता है। किसी भी तरह के निवेश के लिए यह समय न तो अच्छा है और न बुरा है। इस साल नौकरी में परिवर्तन करना आपकी प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए अच्छा सिद्ध होगा। शनि के गोचर की अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में आप देश-विदेश की यात्रा कर सकते हैं। आय की तुलना में आपके खर्च बढ़ सकते हैं इसलिए फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। अपने रिश्तों को नई मजबूती देने के लिए प्रियजनों के साथ समय व्यतीत करें। इस अवधि में आपको अपने वैवाहिक जीवन पर अधिक ध्यान देना होगा। जीवनसाथी के साथ बेवजह का विवाद करने से बचें दोस्तों या परिजनों के साथ छुट्टी पर जाने के लिए यह समय बेहद अच्छा सिद्ध होगा।
उपाय: शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
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