तुला राशिफल 2016 - Tula Rashifal 2016 in Hindi
क्या आप नए वर्ष में अपने भविष्य को लेकर व्याकुल हैं? क्या आपको नए वर्ष की चिंता सता रही है? अब आपको बिल्कुल परेशान होने की ज़रूरत नहीं हैं, क्योंकि हम लेकर आए हैं तुला राशिफल 2016। इस भविष्यफल में आपको वह सब-कुछ मिलेगा जो आप जानना चाहते हैं...
नए साल को लेकर आपके मन में बहुत सारे सवाल उठ रहे होंगे। जैसे - नए साल में घर के निर्माण का कार्य शुरू होगा या नहीं? सफलता पाने के कौन-कौन से बेहतर तरीक़े आप अपना सकते हैं? कौन-कौन से दिन आपको सफलता दिलाने वाले होंगे? परंतु इन सवालों के जवाब जानने से पहले आइए देखते हैं कि सितारों की क्या स्थिति है? वर्ष की शुरूआत में शनि वृश्चिक के साथ एवं गुरू सिंह के साथ दिखाई दे रहें हैं। 31 जनवरी तक अपनी वर्तमान स्थान पर रहने के पश्चात् राहु सिंह में जबकि केतु कुम्भ में प्रवेश करेंगे। चलिए एक नज़र डालते हैं नए साल की की भविष्यवाणियों पर, लेकिन भविष्यवाणी बताने से पहले आपको बता दें कि यह भविष्यवाणी पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है।
पारिवारिक जीवन
शनि भले ही आपके लिए योगकारक है, लेकिन अपने प्रभाव तो देगा ही। इसके प्रभाव के कारण परिवार में विच्छेद और परिवारजनों के बीच वैचारिक मतभेद होने की संभावना है। अविश्वास की भावना से लोगों के बीच दूरियाँ बढ़ेंगी। जीवनसाथी के साथ कहा-सुनी हो सकती है, लेकिन माता-पिता के साथ वास्तव में मधुर संबंध बने रहेंगे। आपके निजी ज़िन्दगी में माता जी की दख़लंदाजी बढ़ेगी, जो कि उचित नहीं है। ऐसी स्थिति पूरे साल रहने वाली है। संतान से बार-बार विवाद होने की संभावना है और उनकी सेहत को लेकर भी परेशानी हो सकती है।
स्वास्थ्य
आपकी सेहत की बात करें तो, आँखों में परेशानी, सरदर्द, जोड़ों में दर्द जैसी कुछ समस्याएँ हो सकती हैं। नियमित रूप से व्यायाम करने से ऐसी बीमारियों से निजात मिल सकता है। मालिश से भी आपको कुछ हद तक आराम मिल सकता है। पैरों की उचित देख-भाल करें। हालाँकि कुछ विशेष परेशानी नहीं होने वाली है, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना कोई बुरी बात नहीं है। अतः सेहत का पूरा ख़्याल रखें।
आर्थिक जीवन
आर्थिक मामलों की तरफ़ रूख़ करें तो शनि का दूसरे भाव में होना और धन-कारक गुरू का राहु-केतु के अक्ष पर जाना किसी हानि की ओर संकेत कर रहा है। ऐसे समय में आपकी मुसिबतों का कारण आपका ग़लत निर्णय, ग़लत निवेश और अनुचित फ़ैसलें हो सकते हैं। इसलिए पूरी सावधानी बरतें। किसी के उपर विश्वास न करना और ख़ुद को तीस मार खान समझना भी नुकसान का कारण हो सकता है। अहंकार और अति आत्मविश्वास के कारण आपको शर्मिंदा होना पड़ सकता है, इसलिए इन पर काबू रखें। यह आप पर ही निर्भर करता है कि आप किसे ज़्यादा महत्व देते हैं, अपने कर्मों को या अहंकार और अति आत्मविश्वास को?
नौकरी पेशा
नौकरी-पेशे के मामलों में सितारों की बात करें तो छठे भाव का गुरू, राहु-केतु के बीच फँसा हुआ है और इसके उपर शनि की दृष्टि भी है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस समय गुरू के ग्यारहवें भाव में होने के कारण आपको ज़्यादा हानि नहीं वाली है। राहु और केतु जब तक क़रीब नहीं आ जाते, जब तक आपको ख़ुशियाँ मिलेगी। वरिष्ठों और सहकर्मियों का भरपूर सहयोग मिलेगा। सभी लोग आपके साथ कंधा-से-कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार रहेंगे। नई नौकरी मिल सकती है और सैलरी में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है। हालाँकि 11 अगस्त के बाद आपको ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। कार्य-स्थल पर सभी लोगों के साथ शिष्टता से पेश आएँ और सकारात्मक रवैया अपनाएँ।
कारोबार
किसी भी प्रकार के भूमि संबंधी लेन-देन में दो-चार लोगों के सलाह लेकर ही फ़ैसला लेना आपके लिए हितकर होगा। जोश में आकर निर्णय लेना आर्थिक नुक़सान का कारण बन सकता है। इस वर्ष सोच-समझकर पैसे ख़र्च करेें और उधार लेने से परहेज़ करें। दोस्त और अन्य लोग आपको धोखा दे सकते हैं, इसलिए हर कदम फूँक-फूँक कर रखें। 11 अगस्त के बाद यदि आपके उपर गुरू की महादशा चल रही हैै तो भारी नुक़सान और अनावश्यक ख़र्च होने की संभावना है।
प्रेम-संबंध
इस वर्ष ऐसा लग रहा है कि आपके भविष्यफल की किताब से प्रेम वाला पन्ना कहीं ग़ायब हो गया है। यह सच भी है, इस वर्ष आपको प्रेम-संबंधों से सुख नहीं मिलने वाला है। अविवाहतों को अविवाहित ही रहना पड़ेगा और जो लोग किसी के साथ रिश्ते निभा रहें हैं उनको भी काफ़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। दोनों तरफ़ से विश्वास की कमी रह सकती है। सुझ-बुझ से काम लें और रिश्तों को बरक़रार रखने की हर-संभव कोशिश करें। किसी प्रकार के शक़ को पैदा न होने दें।
सेक्स लाइफ़
इस वर्ष आपको भरपूर यौन सुखों की प्राप्ति होने वाली है, लेकिन जैसै - कहा गया है कि ‘अति सवर्त्र वर्जेत अर्थात किसी भी चीज में अति नहीं होना चाहिए’। इसलिए इसके आदी होने से बचें, क्योंकि यह आपके सेहत के लिहाज़ से ठीक नहीं है। यौन सुखों में संतुलन बनाना आपके लिए आवश्यक है। हालाँकि अगस्त के बाद का समय इसके लिए बेहतर होगा। अपनी भावनाओं पर काबू रखें और किसी ऐसे इंसान के प्रति आकर्षित होने से बचें जो आपके सामाजिक परिवेश से भिन्न हो, क्योंकि छवि धूमिल होने की संभावना है।
सावाधानी बरतने वाले दिन
अपने फ़ैसलों को रद्द कर दें, जब चंद्रमा सिंह, वृश्चिक, वृषभ और कुम्भ में प्रवेश करें। ऐसे समय में कोई नया काम शुरू न करें, जब गुरू या शनि कोई भी वक्री या अस्त हों और आप उनकी दशा, अंतरदशा, प्रत्यंतर दशा या महादशा से गुजर रहें हो। अप्रैल 17 से जुलाई 13 तक किसी प्रकार के जोख़िम लेने से बचें।
उपाय
कहते हैं कि पत्थर में बहुत ताक़त होती है, यह बात सत्य भी है। इस साल माणिक्य आपकी कई सारी परेशानियों को दूर कर सकता है, इसलिए यथा-शीघ्र इसे धारण करें। यदि सूर्य आपकी कुंडली में 6, 8 और 12 भावों से जुड़ी किसी भी मामलों में योगकारक न हो तथा 1, 2 और 11 भावों से में योगकार हो तो, ग्रहों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए माणिक्य धारण करें। चंद्रमा से जुड़ी ऐसी ही गतिविधियों के लिए मोती पहनें। यदि शनि की दशा चल रही है तो प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाना न भूलें। सभी प्रकार की परेशानियों से बचने के लिए हनुमान चालिसा का पाठ करें।
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