जैन कैलेंडर 2025

एस्ट्रोसेज का जैन कैलेंडर 2025आर्टिकल में हम आपको वर्ष 2025 में आने वाले जैन धर्म के प्रमुख व्रत और त्योहारों की तिथियों समेत सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगे। जैन धर्म दुनिया के प्राचीन धर्मों में से एक है, जिसका संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको जैन कैलेंडर 2025 के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे लेकिन उससे पहले नज़र डालते हैं वर्ष 2025 में आने वाले जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों और व्रतों की तिथियों पर।

जैन कैलेंडर 2025

Read in English: Jain Calendar 2025

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

जैन कैलेंडर 2025: त्योहार एवं पर्व की तिथियां

तारीख दिन त्योहार/ पर्व
02 जनवरी 2025 गुरुवार यतीन्द्र सुरेश्वर दिवस
02 जनवरी 2025 गुरुवार त्रिस्तुति
06 जनवरी 2025 सोमवार श्री राजेंद्र सूरीश्वर दिवस
26 जनवरी 2025 रविवार शीतलनाथ जन्म तप
27 सोमवार 2025 सोमवार मेरु त्रयोदशी
27 जनवरी 2025 सोमवार आदिनाथ निर्वाण कल्याणक
28 जनवरी मंगलवार ऋषभदेव मोक्ष
02 फरवरी 2025 रविवार दशलक्षण (3/3) प्रारम्भ
04 फरवरी 2025 मंगलवार मर्यादा महोत्सव
11 फरवरी 2025 मंगलवार श्री जीतेन्द्र रथ यात्रा
11 फरवरी 2025 मंगलवार दशलक्षण (3/3) समाप्त
07 मार्च 2025 शुक्रवार अष्टान्हिका (3/3) प्रारम्भ
14 मार्च 2025 शुक्रवार अष्टान्हिका (3/3) समाप्त
02 अप्रैल 2025 बुधवार दशलक्षण (1/3) प्रारम्भ
04 अप्रैल 2025 शुक्रवार आयंबिल ओली प्रारंभ
10 अप्रैल 2025 गुरुवार महावीर जयंती
11 अप्रैल 2025 शुक्रवार दशलक्षण (1/3) समाप्त
12 अप्रैल 2025 शनिवार आयंबिल ओली अंत
07 मई 2025 बुधवार श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान दिवस
13 मई 2025 मंगलवार ज्येष्ठ जिनवार व्रत प्रारंभ
24 मई 2025 शनिवार श्री अनंतनाथ जन्म तप
11 जून 2025 बुधवार ज्येष्ठ जिनवर व्रत समापन
03 जुलाई 2025 गुरुवार अष्टान्हिका (1/3) प्रारम्भ
09 जुलाई 2025 बुधवार चौमासी चौदस
10 जुलाई 2025 गुरुवार अष्टान्हिका (1/3) समाप्त
31 जुलाई 2025 गुरुवार पार्श्वनाथ मोक्ष
24 अगस्त 2025 रविवार कल्पसूत्र पाठ
24 अगस्त 2025 रविवार संवत्सरी
25 अगस्त 2025 सोमवार तैलधर तप
28 अगस्त 2025 गुरुवार क्षमावाणी पर्व
28 अगस्त 2025 गुरुवार दशलक्षण (2/3) प्रारम्भ
06 सितंबर 2025 शनिवार दशलक्षण (2/3) समाप्त
28 सितंबर 2025 शनिवार आयंबिल ओली प्रारंभ
07 अक्टूबर 2025 मंगलवार आयंबिल ओली अंत
19 अक्टूबर 2025 रविवार श्री पद्म प्रभु जन्म तप
21 अक्टूबर 2025 मंगलवार महावीर निर्वाण
26 अक्टूबर 2025 रविवार ज्ञान पंचमी/सौभाग्य पंचमी
29 अक्टूबर 2025 बुधवार अष्टान्हिका (2/3) प्रारम्भ
05 नवंबर 2025 बुधवार अष्टान्हिका (2/3) समाप्त
14 नवंबर 2025 शुक्रवार महावीर स्वामी दीक्षा
01 दिसंबर 2025 सोमवार मौनी एकादशी
15 दिसंबर 2025 सोमवार पार्श्वनाथ जयंती

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

जैन कैलेंडर 2025 का महत्व व इतिहास

जैन शब्द ‘जिन’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है ‘जीतने वाला’। जैन ग्रंथों के अनुसार, यह धर्म अनंत काल से माना जाता रहा है और यह सबसे पुराना और प्रचलित धर्मों में एक है। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में जैन धर्म की स्थापना हुई थी। जैन धर्म को श्रमणों का धर्म भी कहा जाता है। जैन धर्म के संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे। यह धर्म अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह के सिद्धांत पर चलता है। जैन धर्म के दो प्रमुख संप्रदाय दिगंबर जो आकाश से ढके हुए होते हैं और श्वेतांबर जो सफेद वस्त्र पहनते हैं।

जैन कैलेंडर 2025 जैन धर्म के त्योहार व पर्व के बारे में बताता है। हालांकि यह धर्म में हिंदू त्योहारों को मनाता है। जैन कैलेंडर से जैन धर्म के समुदाय के लोगों को उनके पर्व व त्योहारों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त होती है। यह कैलेंडर में चंद्र सौर कैलेंडर है और इस कैलेंडर को बनाने के लिए चंद्रमा और सूर्य दोनों की चाल और स्थिति का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि कोई भी ख़ास अवसर छूट न जाए और सही तरीके से पर्व-त्योहारों की सूची तैयार की जा सके। बता दें कि हिंदू कैलेंडर की तरह ही जैन कैलेंडर में भी 12 महीने का वर्णन किया गया है। जिसका नाम इस प्रकार है- कार्तक, मगसर, पोष, महा, फागन, चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, श्रवण, भादरवो और आसो। जैन कैलेंडर में एक महीने में अमूमन 30 दिन होते हैं।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

जैन कैलेंडर के मुख्य त्योहार व व्रत का महत्व

जैन कैलेंडर 2025 के अनुसार, अन्य धर्मों की तरह जैन धर्म में भी कई व्रत व त्योहार पड़ते हैं, जो जैन समुदायों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आइए अब जानते हैं जैन धर्म के कुछ मुख्य त्योहारों के बारे में।

रोहिणी व्रत: रोहिणी व्रत जैन धर्म के महत्वपूर्ण व्रत में से एक है। यह व्रत 27 नक्षत्रों में से एक रोहिणी नक्षत्र से संबंधित है। इस दिन जैन धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग उपवास रखते हैं। यह व्रत एकादशी की तरह ही हर महीने में पड़ता है। रोहिणी व्रत का पालन रोहिणी नक्षत्र के दिन से शुरू होकर अगले नक्षत्र मार्गशीर्ष तक किया जाता है। इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। इस व्रत पर भगवान वासु स्वामी की पंच रत्न, ताम्र या स्वर्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।

मेरु त्रयोदशी: मेरु त्रयोदशी व्रत जैन धर्म में एक ऐसा व्रत है जिसे करने से संसार के सभी सुखों के साथ-साथ आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। यह मुख्य त्योहारों में एक है, जो प्रत्येक वर्ष मेरु त्रयोदशी पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। जैन धर्म का यह पर्व पिंगल कुमार की याद में मनाया जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को विधि-विधान व सच्चे मन से रखता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

फाल्गुन अष्टानिका आरंभ: यह ऐसा पर्व है जो जैन धर्म में साल में तीन बार पड़ता है। इस पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दौरान स्वर्ग से देवता आकर नंदीश्वर द्वीप में निरंतर आठ दिन तक धर्म-कर्म के कार्य में लीन रहते हैं। यह उत्सव आठ दिनों तक चलता है इसलिए इस धर्म का विशेष स्थान है। इस पर्व को जैन समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम व आस्था के साथ मनाते हैं।

संवत्सरी पर्व: जैन समुदाय संवत्सरी पर्व को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।इस त्योहार कोभाद्र मास की शुक्ल पंचमी को संवत्सरी पर्व के रूप में मनाते हैं। संवत्सरी के पर्व के दौरान लोग सात दिनों तक त्याग, तपस्या और पूरी तरह आस्था में लीन होते हैं व आठवें दिन को महापर्व के तौर पर मनाते हैं। माना जाता है कि इस पर्व के दिन लोग अपने पापों की आलोचना करते हैं और इससे मुक्ति पाने के लिए ध्यान करते हैं और क्षमा मांगते हैं। दिगंबर समुदाय के लोग इस पर्व को ‘दासलक्षण’ कहते हैं, जबकि श्वेताम्बर समुदाय के लोग इसे पर्युषण पर्व के नाम से पुकारते हैं। इस दिन जैन समुदाय के लोग व्रत रखते हैं और हर नियमों का पालन सख्ती से करते हैं।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

महावीर जयंती: महावीर जयंती जैन समुदाय के लिए सबसे पवित्र पर्वों में से एक है और इस पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को जैन धर्म और संस्कृति के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 599 ईसा पूर्व में वर्धमान महावीर का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल चैत्र मास के 13वें दिन यानी चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती बड़े ही आस्था के साथ मनाई जाती है।

लक्ष्मी पूजा: जैन धर्म में लक्ष्मी पूजा का बहुत अधिक महत्व है। जैन समुदाय के लोग लक्ष्मी पूजा तब उस तिथि पर करते हैं जब भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस दिन लोग नए कार्यों की शुरुआत करते हैं। माना जाता है कि इस दिन से किसी भी कार्य की शुरुआत करना बेहद शुभ होता है और उसका शुभ परिणाम भी प्राप्त होता है।

ओली आरंभ: जैन धर्म में नवपद ओली की आराधना बहुत ही शुद्ध और भक्ति भाव से की जाती है। इस दौरान जैन समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच सिर्फ एक बार, एक आसन पर और निश्चित समय पर भोजन करते हैं। यह भोजन बगैर तला, बिना दूध, दही, मक्खन, घी, मलाई, तेल, चीनी और मसाले का होता है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है और इसे नौ दिनों तक धूमधाम के साथ मनाया जाता है। पहला नवपद चैत्र माह में मार्च और अप्रैल के बीच मनाया जाता है और दूसरा अश्विन माह में सितंबर और अक्टूबर महीने के बीच मनाया जाता है। लोग इस दिन से नौ दिनों तक तप व व्रत करते हैं और मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

कार्तिक रथ यात्रा: कार्तिक रथ यात्रा जैन धर्म का काफी महत्वपूर्ण व अधिक महत्व रखने वाला त्योहार है, जो कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला रौशनी का पर्व है। इस दिन जैन धर्म के लोग भगवान अरुणाचलेश्वर को चांदी के वाहनों पर रखकर गाजे-बाजे के साथ रथ यात्रा निकालते हैं और लाखों भक्त पंच रथ को खींचने में हिस्सा लेते हैं। पांच रथ में विनयगर रथ, सुब्रमण्यर रथ, अन्नामलयार रथ, परशक्ति अम्मन रथ और चंडिकेश्वर रथ को शामिल किया गया था। यह केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे पड़ोसी राज्यों में भी मनाया जाता है। यह त्योहार जैन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक,इस दिन हर कोई अपने घर और आसपास की जगहों पर तेल का दीपक जला कर इस पर्व को मनाते हैं। मान्यता है कि दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. जैन कैलेंडर क्या होता है?

जैन कैलेंडर में एक वर्ष के अंतर्गत आने वाले जैन धर्म के व्रत और त्योहारों की तिथियां बताई जाती हैं। 

2. 2025 में महावीर निर्वाण कब है?

इस साल महावीर निर्वाण 21 अक्टूबर 2025 के दिन मनाया जाएगा।

3. वर्ष 2025 में पार्श्वनाथ जयंती कब मनाई जाएगी?

पार्श्वनाथ जयंती को साल 2025 में 15 दिसंबर के दिन मनाया जाएगा। 

4. रोहिणी व्रत का क्या महत्व है?

रोहिणी व्रत 27 नक्षत्रों में से एक रोहिणी नक्षत्र से संबंधित है जो कि जैन धर्म में प्रमुख व्रतों में होता है।

Astrological services for accurate answers and better feature

33% off

Dhruv Astro Software - 1 Year

'Dhruv Astro Software' brings you the most advanced astrology software features, delivered from Cloud.

Brihat Horoscope
What will you get in 250+ pages Colored Brihat Horoscope.
Finance
Are money matters a reason for the dark-circles under your eyes?
Ask A Question
Is there any question or problem lingering.
Career / Job
Worried about your career? don't know what is.
AstroSage Year Book
AstroSage Yearbook is a channel to fulfill your dreams and destiny.
Career Counselling
The CogniAstro Career Counselling Report is the most comprehensive report available on this topic.

Astrological remedies to get rid of your problems

Red Coral / Moonga
(3 Carat)

Ward off evil spirits and strengthen Mars.

Gemstones
Buy Genuine Gemstones at Best Prices.
Yantras
Energised Yantras for You.
Rudraksha
Original Rudraksha to Bless Your Way.
Feng Shui
Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.
Mala
Praise the Lord with Divine Energies of Mala.
Jadi (Tree Roots)
Keep Your Place Holy with Jadi.

Buy Brihat Horoscope

250+ pages @ Rs. 599/-

Brihat Horoscope

AstroSage on MobileAll Mobile Apps

Buy Gemstones

Best quality gemstones with assurance of AstroSage.com

Buy Yantras

Take advantage of Yantra with assurance of AstroSage.com

Buy Feng Shui

Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.from AstroSage.com

Buy Rudraksh

Best quality Rudraksh with assurance of AstroSage.com
Call NowTalk to
Astrologer
Chat NowChat with
Astrologer