ग्रहण 2023 (Grahan 2023)
ग्रहण 2023 (Grahan 2023) के बारे में ज्यादा जानकारी देने के लिए हम एस्ट्रोसेज के सभी पाठकों को सर्वप्रथम नए वर्ष 2023 की शुभकामनाएं देते हैं और उसके बाद वर्ष 2023 में होने वाले सभी ग्रहण, चाहे वह सूर्य ग्रहण 2r023 (Surya Grahan 2023) हो या फिर और चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023), इससे संबंधित सभी बारीक से बारीक जानकारियां महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ आपको इस लेख के माध्यम से प्रदान की जा रही है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा और आप वर्ष 2023 में आने वाले ग्रहण के संबंध में जानकारी प्राप्त करके अपने जीवन को और भी समृद्धशाली बनाने में कामयाब होंगे।
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इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले यह जानने का प्रयास करते हैं कि आखिर ग्रहण (Eclipse) क्या होता है, जिससे कि हम इसके विषय में और भी अच्छी तरह से समझ सकें। आम समझदारी में तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो अपने-अपने परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी और चंद्रमा की गतियों के कारण निर्मित होती है। हम सभी जानते हैं कि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर भी पड़ता है और सूर्य के ही प्रकाश से चंद्रमा भी प्रकाशित होता है। कभी-कभी कुछ ऐसी ग्रह स्थिति आ जाती है कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच सूर्य की छाया कुछ समय के लिए किसी एक ग्रह पर पड़नी बंद हो जाती है और वह क्षेत्र अंधकार युक्त हो जाता है और सूर्य के प्रकाश से हीन हो जाता है। इस स्थिति को हम ग्रहण कहते हैं।
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अब हम आगे बढ़ते हुए इस लेख के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं कि साल 2023 में ग्रहण कब कब लग रहे हैं। साथ ही जानेंगे कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण किस दिन, किस तिथि अथवा तारीख को किस समय पर और कितनी अवधि के लिए लगेंगे और इनकी दृश्यता कहां-कहां होगी यानी कि यह ग्रहण 2023 (Grahan 2023) कहां-कहां देखे जा सकेंगे। इसके साथ ही हम आपको यह भी बताने की कोशिश करेंगे कि ग्रहण का ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व क्या होता है। यदि आपकी राशि ग्रहण के दोष से पीड़ित हो रही है तो उस ग्रहण दोष से बचने के लिए और इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए तथा जीवन में उत्तम सफलता, सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त करने के लिए कौन से विशेष उपाय करने होंगे, यह भी इस लेख के माध्यम से आपको बताया जा रहा है।
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साल 2023 में कौन-कौन से ग्रहण लगेंगे
वर्ष 2023 में लगने वाले सभी ग्रहण की बात की जाए तो इस वर्ष मुख्य रूप से दो सूर्य ग्रहण और एक चंद्रग्रहण आकार लेगा। इनके अतिरिक्त एक उपच्छाया चंद्रग्रहण भी होगा, जिसे ग्रहण की मान्यता नहीं दी जाती है। इनमें से कुछ ग्रहण 2023 (Grahan 2023) ऐसे होंगे जो भारत में दिखाई नहीं देंगे। ऐसे में ध्यान देने की बात यह है कि ग्रहण का सूतक काल केवल वहीं मान्य होता है, जहां ग्रहण दिखाई दे रहा हो। इस वर्ष इन सभी ग्रहण 2023 (Grahan 2023) में से केवल एक चंद्रग्रहण ही भारतवर्ष में दिखाई देगा जिसका सूतक भी भारत में मान्य होगा, अन्य सभी ग्रहण भारत में पूरी तरह से नजर नहीं आएंगे इसलिए उनका सूतक काल भी भारतवर्ष के किसी भी क्षेत्र पर प्रभावी नहीं माना जाएगा।
अब आपके मन में यह शंका होगी कि जब हम ग्रहण 2023 (Grahan 2023) की बात कर रहे हैं तो सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण क्या होते हैं और वास्तव में सूतक काल क्या होता है। इसके साथ ही आप यह भी जानना चाहेंगे कि सूर्य ग्रहण 2023 और चंद्रग्रहण 2023 किस दिन, तिथि और समय को लगेंगे। तो आइए इन सभी के बारे में अब विस्तार से जानते हैं:
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सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)
सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें पृथ्वी और सूर्य के मध्य चंद्रमा आ जाता है अर्थात पृथ्वी अपने अक्ष पर सूर्य की ओर परिक्रमा करते हुए एक ऐसे बिंदु पर आ जाती है जब चंद्रमा भी पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस स्थिति में सूर्य की किरणें चंद्रमा के कारण कुछ समय के लिए धरती पर नहीं पहुंच पाती हैं और वहां का वातावरण सूर्य के प्रकाश से हीन हो जाता है। इसे ही सूर्यग्रहण कहा जाता है। यदि चंद्रमा द्वारा सूर्य के प्रकाश का पूरा हिस्सा ढक लिया जाता है तो इसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है। जब यह आंशिक रूप से होता है तो कुछ रोशनी धरती तक आती है और कुछ ही हिस्सा ग्रसित महसूस होता है। इसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। इसके अतिरिक्त एक ऐसी स्थिति भी आती है कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में थोड़ी दूरी पर होता है तो केवल सूर्य के बीच का भाग ढका हुआ होता है और उसकी रोशनी सूर्य की रिंग (अंगूठी) की तरह नजर आने लगती है। इस स्थिति को वलयाकार सूर्यग्रहण कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan)
चंद्र ग्रहण भी सूर्य ग्रहण की तरह ही एक खगोलीय घटना है। यह तब होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। जिस प्रकार सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने से सूर्य ग्रहण होता है, उसी प्रकार चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने से चंद्रग्रहण होता है। जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और सूर्य का पूरा प्रकाश उस तक नहीं आ पाता तो यह पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति होती है। जब आंशिक रूप से ऐसा होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण कहलाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि एक ऐसी स्थिति आती है कि जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी की उपच्छाया में से गुजरता है तो चंद्रमा की कांति मलिन सी प्रतीत होती है लेकिन उसका कोई भाग ग्रसित महसूस नहीं होता तो इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं। हालांकि इसे ग्रहण की संज्ञा नहीं दी गई है।
ग्रहण का सूतक काल: सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण का सूतक काल जब भी हम ग्रहण की बात करते हैं तो सूतक काल सहज रूप से ही सामने आ जाता है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण समय अवधि होती है जिसमें कुछ भी विशेष कार्य करना वर्जित माना जाता है क्योंकि इस अवधि को अशुभ माना गया है। सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के लिए अलग-अलग सूतक काल का समय होता है जैसे कि सूर्य ग्रहण लगने से लगभग 4 प्रहर पूर्व यानी कि लगभग 12 घंटे पहले से उसका सूतक काल शुरू हो जाता है और चंद्र ग्रहण लगने से लगभग तीन प्रहर पूर्व अर्थात लगभग 9 घंटे पहले से ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाता है। यह सूतक काल ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाता है। सूतक काल की अवधि में किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य या मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है क्योंकि यदि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य किया जाए तो उसके शुभ फल प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है और अशुभ फल प्राप्त होने के योग बनते हैं। ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करना, ग्रहण के समय पर हवन करना तथा ग्रहण की निवृत्ति होने पर दोबारा स्नान और दान आदि करना चाहिए, इसका विशेष महत्व बताया गया है। यह भी स्मरण रखना चाहिए कि ग्रहण समाप्त होने के पश्चात् यदि आप स्नानादि करके शुद्ध हो जाते हैं तभी सूतकों की निवृत्ति मानी जाती है।
अब हम आपको विस्तार से बताते हैं कि वर्ष 2023 में कौन-कौन से ग्रहण पड़ेंगे। कब लगेगा सूर्य ग्रहण और कब होगा चंद्रग्रहण:
सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023)
यदि हम वर्ष 2023 में लगने वाले सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) की बात करें तो इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा। दोनों ही सूर्य ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देंगे। अब आइए इन दोनों सूर्य ग्रहण की विस्तार से जानकारी लेते हैं:-
पहला सूर्य ग्रहण 2023 - कंकणाकृति सूर्यग्रहण | ||||
तिथि | दिन तथा दिनांक | सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय | सूर्य ग्रहण समाप्त समय | दृश्यता का क्षेत्र |
वैशाख मास कृष्ण पक्ष अमावस्या | गुरुवार 20 अप्रैल 2023 | प्रातः काल 7:05 बजे | दोपहर 12:29 बजे | कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण पेसिफिक सागर, तिमोर, न्यूजीलैंड (भारत में दृश्यमान नहीं) |
नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया ग्रहण 2023 (Grahan 2023) का समय भारतीय समय अनुसार है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल प्रभावी होगा।
वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 गुरुवार के दिन लगेगा। यह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण 2023 (Grahan 2023) मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में घटित होगा। मेष राशि सूर्य की उच्च राशि है और अश्विनी केतु का नक्षत्र है इसलिए इस ग्रहण का गहन प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि उस दिन शनि ग्रह भी अपनी राशि में रहकर सूर्य देव को पूर्ण तृतीय दृष्टि से देखेंगे।
सूर्य ग्रहण 2023 (LINK) के बारे में यहां विस्तार से जानें।
दूसरा सूर्य ग्रहण 2023 - कंकणाकृति सूर्यग्रहण | ||||
तिथि | दिन तथा दिनांक | सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय | सूर्य ग्रहण समाप्त समय | दृश्यता का क्षेत्र |
आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या | शनिवार 14 अक्टूबर 2023 | रात्रि काल 8:34 बजे | मध्यरात्रि उपरांत 2:25 बजे | मैक्सिको, बारबाडोस, अर्जेंटीना, कनाडा, कोलंबिया, क्यूबा, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, अरूबा, एंटीगुआ, बहामास, बोलिविया, ब्राज़ील, पेरू, पराग्वे, जमैका, हेती, ग्वाटेमाला, गुयाना, निकारागुआ, त्रिनिदाद व टोबैगो, उरूग्वे, वेनेजुएला, अमेरिका, बारबाडोस, कोस्टारिका, कोलंबिया, चिली, बेलिज, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, सूरीनाम, (भारत में दृश्यमान नहीं) |
नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया ग्रहण 2023 (Grahan 2023) का समय भारतीय समय अनुसार है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल प्रभावी होगा।
साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो कि 14 अक्टूबर 2023 शनिवार के दिन लगेगा। 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा।
चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023)
यदि हम वर्ष 2023 में लगने वाले चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023) की बात करें तो इस वर्ष में केवल एक चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण शनिवार / रविवार 28/29 अक्टूबर 2023 को लगेगा। इसके अतिरिक्त एक उपच्छाया चंद्रग्रहण भी लगेगा लेकिन इसको ग्रहण की संज्ञा न देने के कारण इसका महत्व भी नगण्य माना जाता है।
पहला चन्द्र ग्रहण 2023 - खंडग्रास चंद्रग्रहण | ||||
तिथि | दिन तथा दिनांक | चन्द्र ग्रहण प्रारंभ समय | चन्द्र ग्रहण समाप्त समय | दृश्यता का क्षेत्र |
आश्विन मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा | शनिवार/ रविवार 28/29 अक्टूबर 2023 | मध्य रात्रि उपरांत 1:05 बजे | मध्य रात्रि उपरांत 2:24 बजे | भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया, कोरिया, ब्राजील का पूर्वी भाग |
नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया ग्रहण 2023 (Grahan 2023) का समय भारतीय समय अनुसार है। यह चन्द्र ग्रहण भारत में दृश्य मान होगा इसलिए भारत में इस चन्द्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव भी होगा और इसका सूतक काल भी प्रभावी होगा। यह इस वर्ष का एकमात्र ऐसा ग्रहण है जो भारत में देखा जा सकेगा।
28/29 अक्टूबर 2023 को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक खंडग्रास चंद्रग्रहण है जिसे आंशिक चंद्रग्रहण भी कह सकते हैं। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में घटित होगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर 2023 की दोपहर 2:52 से शुरू होगा और चंद्र ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
चन्द्र ग्रहण 2023 (LINK) के बारे में यहां विस्तार से जानें।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण 2023 | ||||
तिथि | दिन तथा दिनांक | चन्द्र ग्रहण प्रारंभ समय | चन्द्र ग्रहण समाप्त समय | दृश्यता का क्षेत्र |
वैशाख मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा | शुक्रवार /शनिवार 5 / 6 मई 2023 | रात्रि 8:44 बजे | मध्यरात्रि के बाद 1:02 बजे | एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप का कुछ भाग |
नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया ग्रहण 2023 (Grahan 2023) का समय भारतीय समय अनुसार है। यह चन्द्र ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा लेकिन एक उपच्छाया चन्द्र ग्रहण होने के कारण इसे ग्रहण की संज्ञा नहीं दी गई है इसलिए इसका कोई भी सूतक या धार्मिक प्रभाव मान्य नहीं होगा। सभी जातक इस ग्रहण काल में उपवास, व्रत, दान, जप, पाठ, पूजा, तीर्थ स्थान दर्शन, पवित्र नदी में स्नान, आदि विधिवत रूप से कर सकते हैं।
उपरोक्त उपच्छाया चंद्रग्रहण वैशाख मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को शुक्रवार के दिन 5 मई 2023 को लगेगा। यह लगभग 4 घंटे 15 मिनट का उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जिसे वास्तविक ग्रहण की मान्यता प्राप्त नहीं है इसलिए इसका कोई सूतक भी मान्य नहीं होगा और ना ही कोई धार्मिक प्रभाव होगा इसलिए इस ग्रहण के दौरान आप सभी कार्य निर्विवाद रूप से संपादित कर सकते हैं।
इस प्रकार वर्ष 2023 में कुल मिलाकर मुख्य तीन ग्रहण होंगे जिसमें दो सूर्य ग्रहण होंगे और एक चंद्रग्रहण होगा। इसके अतिरिक्त एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण भी लगेगा।
ग्रहण के समय में क्या करें क्या ना करें
- ग्रहण 2023 (Grahan 2023) का सूतक स्पर्श का समय सूर्य ग्रहण के लिए लगभग 12 घंटे पूर्व और चंद्रग्रहण के लिए लगभग 9 घंटे पूर्व होता है। जैसे ही ग्रहण का स्पर्श हो स्नान करना चाहिए।
- ग्रहण के मोक्ष अर्थात ग्रहण के समापन के समय भी स्नान करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय भूलकर भी सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है।
- जब ग्रहण का सूतक काल चल रहा हो तब किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश नहीं करना चाहिए और ना ही किसी मूर्ति को स्पर्श करना चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन करने से परहेज करना चाहिए।
- ग्रहण काल में मैथुन क्रिया से भी बचना चाहिए।
- ग्रहण काल में तेल मालिश वर्जित होती है।
- ग्रहण के समय में बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
- यदि अति आवश्यक ना हो तो इस दौरान यात्रा को भी त्याग देना चाहिए।
- यदि आप कोई बालक हैं, अति वृद्ध हैं अथवा रोगी हैं और आपको आवश्यक हो तो आप पथ्याहार ले सकते हैं।
- यदि आप बीमार हैं तो आवश्यक औषधि भी ले सकते हैं।
- ग्रहण के स्पर्श से पूर्व ही दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा, जैसी भोज्य सामग्री में कुशा अथवा तुलसीदल रख देना चाहिए।
- ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने का पानी ताजा भर कर पीना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में काटना, सिलना, बुनना, सोना नहीं चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को अपने उदर पर गाय के गोबर का पतला लेप लगा लेना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को अपने सर को पल्लू से ढक कर थोड़ा सा गेरु लगा लेना चाहिए।
- ग्रहण के समय में जितना संभव हो, मंत्र जाप और दान करना चाहिए।
- यदि आप किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो ग्रहण काल में कर सकते हैं।
- यदि आप किसी मंत्र को सिद्ध करना चाहते हैं तो भी ग्रहण काल में यथासंभव जाप करना चाहिए क्योंकि उसका हजार गुना फल प्राप्त होता है।
- यदि परिवार में कोई अत्यधिक बीमार हो तो उसके लिए ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए और ग्रहण काल में संकल्प लेकर दान करना चाहिए।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के कुछ विशेष उपाय
- ग्रहण की समाप्ति के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए, भले ही वह रात्रि का समय क्यों ना हो।
- ग्रहण काल में संकल्प लेकर ग्रहण के तुरंत बाद ब्राह्मण को दान देना चाहिए।
- यदि आपकी राशि अथवा नक्षत्र में ग्रहण लग रहा हो तो आपको ग्रहण काल में अपने राशि स्वामी या नक्षत्र स्वामी के मंत्र का जाप करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु तथा चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा और राहु का मंत्र जाप करना चाहिए।
- अपनी राशि के अनुसार दान करना अत्यंत लाभदायक रहता है।
- ग्रहण काल में अपनी राशि के स्वामी ग्रह के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
- कांसे की कटोरी में थोड़ा सा घी भरकर तांबे का सिक्का डालकर अपना मुंह देख कर दान करना भी लाभदायक रहेगा।
- आप ग्रहण के उपरांत औषधि स्नान भी कर सकते हैं। इससे ग्रहण के अशुभ फलों में कमी आएगी।
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